Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू, जानें नौ या दस कितने दिनों तक चलेगा मां दुर्गा का यह पावन उत्सव

Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिनों तक पूजा का पावन पर्व है, जो 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर विजयादशमी तक चलेगा। इस साल नवरात्रि में कितने दिनों तक पूजा की जाएगी ये जानना काफी जरूरी है तो आइए जानते हैं।

अपडेटेड Sep 14, 2025 पर 6:15 PM
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शारदीय नवरात्रि देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ 22 सितंबर, सोमवार से शुरू होकर 2 अक्टूबर विजयादशमी तक मनाई जाएगी। यह पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित होता है, जिसमें मां के विभिन्न अवतारों की नौ दिनों तक विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इस वर्ष नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त के साथ सुबह 6:09 से 8:06 बजे के बीच होगी, जो पूजा का आरंभिक समय माना जाता है।

नवरात्रि का यह त्योहार शरद ऋतु के आगमन के साथ आता है, जो प्राकृतिक सौंदर्य के साथ धार्मिक उत्साह भी लेकर आता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से इस नवरात्रि की शुरुआत होती है इसलिए इस साल नौ दिन के नहीं 10 दिन की नवरात्रि होगी। होली, दिवाली जैसे बड़े उत्सवों के बीच यह पर्व आध्यात्मिक उन्नति और नए आरंभ का संदेश लेकर आता है।

मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा हर दिन अलग-अलग रूप में की जाती है, जैसे पहला दिन मां शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्मचारिणी, तीसरा चंद्रघंटा, चौथा कूष्मांडा, पांचवां स्कंदमाता, छठा कात्यायनी, सातवां कालरात्रि, आठवां महागौरी और नौवां सिद्धिदात्री का दिन होता है। प्रत्येक दिन देवी के इस अलग रूप की विशेष पूजा की जाती है, जिसमें भक्त व्रत रखते हुए उनकी कृपा प्राप्ति की कामना करते हैं।


पारंपरिक रूप से, नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन राम लला का दशहरा उत्सव होता है, और माता रानी की मूर्तियों का विसर्जन कर त्योहार का समापन होता है। इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन हाथी वाहन पर माना गया है, जो अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है।

नवरात्रि के दौरान उपवास, स्नान, पूजा-विधान, भक्ति संध्या और जगराता जैसे कार्यक्रम पूरे जोश और श्रद्धा से सम्पन्न होते हैं। महिलाओं द्वारा कन्या पूजन भी किया जाता है, जिसमें नौ कन्याओं को श्रद्धा से भोजन कराते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। शारदीय नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह समाज में सांस्कृतिक एकता, उत्सव और आध्यात्मिक जागरूकता का माध्यम भी है। इस दौरान कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और गरबा, दंडिया जैसे लोकनृत्य भी आयोजित होते हैं, जो युवाओं और सभी वर्गों को एक साथ जोड़ते हैं।

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि के दौरान कई राजयोग और शुभ ग्रह स्थान भी बन रहे हैं, जो धार्मिक दृष्टि से इसे और भी प्रभावशाली बनाते हैं। इस अवधि में देवी की पूजा करने से जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और स्वास्थ्य की प्रबल संभावनाएं बढ़ती हैं। इस नवरात्रि पर्व को पूरी श्रद्धा, नियम और विधि के साथ मनाते हुए हम मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर अपने जीवन को सफल और सुखमय बना सकते हैं।

Shradha Tulsyan

Shradha Tulsyan

First Published: Sep 14, 2025 6:15 PM

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