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Gupta Navratri 2025: 26 जून से शुरू होंगे गुप्त नवरात्रि, जानिये किसकी होती है पूजा, क्यों रखने चाहिए ये नवरात्र

Gupta Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि को देवी मां की आराधना का सबसे पावन समय माना जाता है। साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है। इनमें दो नवरात्रि सभी सार्वजनिक रूप से मनाते हैं जिन्हें चैत्र और शारदीय नवरात्रि कहा जाता है

अपडेटेड Jun 04, 2025 पर 5:27 PM
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Gupta Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि को देवी मां की आराधना का सबसे पावन समय माना जाता है। साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है।

Gupta Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि को देवी मां की आराधना का सबसे पावन समय माना जाता है। साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है। इनमें दो नवरात्रि सभी सार्वजनिक रूप से मनाते हैं जिन्हें चैत्र और शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। जबकि, दो को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। ये गुप्त नवरात्र साधकों के लिए बेहद खास माने जाते हैं। गुप्त नवरात्रि में खास तंत्र साधनाएं की जाती है। इस साल आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्रि 26 जून 2025 से शुरू होंगे।

घटस्थापन का शुभ मुहूर्त

गुप्त नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा तिथि से होती है और इसी दिन घटस्थापन का विशेष महत्व होता है। उज्जैन के वैदिक ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद भारद्वाज के अनुसार इस बार प्रतिपदा तिथि 25 जून को ही लग रही है, लेकिन उदयातिथि के अनुसार गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून को मानी जाएगी। इस दिन घटस्थापन का शुभ मुहूर्त सुबह 5:12 से 7:43 बजे तक रहेगा।


मां दुर्गा के दस गुप्त रूपों की होती है पूजा

गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के दस महाविद्या स्वरूपों की पूजा की जाती है। ये रूप हैं।

मां काली

मां तारा

मां त्रिपुर सुंदरी

मां भुवनेश्वरी

मां छिन्नमस्ता

मां त्रिपुर भैरवी

मां धूमावती

मां बगलामुखी

मां मातंगी

मां कमला

इन स्वरूपों की साधना करने से साधकों के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। साथ ही आध्यात्मिक उन्नति होती है।

गुप्त नवरात्रि में उज्जैन का खास महत्व

माना जाता है कि उज्जैन धरती का नाभि केंद्र है। यहां महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, शक्तिपीठ हरसिद्धि माता और काल भैरव की उपस्थिति साधना के लिए खास ऊर्जा देती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान दूर-दराज से साधक उज्जैन के महाकाल वन में साधना करने आते हैं। इस दौरान शक्तिपूजन, तंत्र सिद्धि और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं, जो साधकों को शीघ्र फल देते हैं।

गुप्त नवरात्रि आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि विशेष रूप से साधकों और तांत्रिक साधनाओं से जुड़े लोगों के लिए होती है। लेकिन अगर श्रद्धा और आस्था के साथ देवी मां के इन गुप्त रूपों की पूजा की जाए, तो आम भक्त भी इसका शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।

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