हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं के लिए आस्था और श्रद्धा का सबसे खास दिन होता है। इस दिन वे माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करके सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। महिलाएं पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की कथा सुनती हैं। मान्यता है कि इस व्रत से पति की उम्र लंबी होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस मौके पर हरे कपड़े पहनना, मेंहदी लगाना और सोलह श्रृंगार करना शुभ माना जाता है। हालांकि कई बार महिलाएं भावनाओं में बहकर या जल्दबाजी में ऐसी छोटी गलतियां कर बैठती हैं, जो उनके व्रत के पुण्य को प्रभावित कर सकती हैं।
इसलिए हरियाली तीज जैसे पावन पर्व पर केवल नियमों का पालन ही नहीं, बल्कि पूरी श्रद्धा और सावधानी के साथ हर कार्य करना जरूरी होता है, ताकि व्रत पूर्ण फलदायक हो और देवी-देवताओं की कृपा बनी रहे।
व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल हरियाली तीज का व्रत 26 जुलाई 2025, शनिवार को रखा जाएगा। तृतीया तिथि की शुरुआत उसी दिन रात 10:41 बजे हो रही है। पंचांग के अनुसार व्रत इसी दिन रखना शुभ माना गया है।
व्रत के दिन इन चीजों से रहें दूर
हरियाली तीज के दिन शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। मांस, अंडा, मदिरा जैसी तामसिक चीजों का सेवन या छूना भी वर्जित है। चमड़े की वस्तुएं भी इस दिन नहीं पहननी चाहिए। इनसे व्रत खंडित हो सकता है और पुण्यफल में कमी आती है।
मन को रखें शांत और सकारात्मक
यह व्रत सिर्फ शरीर से नहीं, मन से भी किया जाता है। कोशिश करें कि इस दिन किसी से विवाद न करें। क्रोध, कटुता या बहसबाजी से बचें। मन में प्रेम और श्रद्धा रखें। मानसिक शुद्धता भी उतनी ही जरूरी है जितनी बाहरी।
सोलह श्रृंगार और रंगों का महत्व
इस दिन हरे और लाल रंग पहनना बहुत शुभ माना जाता है। ये माता पार्वती के प्रिय रंग हैं। महिलाएं लहरिया साड़ी, हरी चूड़ियां, मेहंदी और सोलह श्रृंगार करती हैं। इन रंगों से परहेज करने से व्रत की भावना में कमी आ सकती है।
झूला झूलते समय रखें सावधानी
हरियाली तीज पर झूला झूलने की परंपरा भी है। महिलाएं पारंपरिक गीत गाकर झूले पर बैठती हैं। ध्यान रखें कि झूला सुरक्षित जगह पर लगाया गया हो और झूलते समय किसी तरह की लापरवाही न हो।
व्रत के दौरान माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन विधिपूर्वक करें। कथा जरूर सुनें या पढ़ें। व्रतधारी दिनभर निर्जला रहें या फलाहार लें। शाम को पूजा कर आरती करें और अगली सुबह व्रत का पारण करें।
हरियाली तीज सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और प्रेम का प्रतीक है। यदि इन बातों का ध्यान रखें, तो व्रत न केवल सफल होगा बल्कि जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य भी बढ़ेगा।
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