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Hariyali Teej 2025 : जानिए पूजा की सही तारीख और क्या है इसका महत्व

Hariyali Teej 2025 हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। श्रावण मास में पड़ने की वजह से हरियाली तीज का एक नाम श्रावणी तीज भी है। इस साल ये त्योहार 27 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा।

अपडेटेड Jul 22, 2025 पर 6:12 PM
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Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज पर झूला झूलने की परंपरा भी है। महिलाएं पारंपरिक गीत गाकर झूले पर बैठती हैं।

Hariyali Teej 2025: सावन का महीना शुरू होते ही बहुत से घरों में Hariyali Teej की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस त्योहार की खास बात ये कि इसे शादीशुदा महिलाएं और अविवाहित लड़कियां दोनों रखती हैं। महिलाओं के लिए यह व्रत का बहुत खास होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने पर पति-पत्नी का साथ जन्म-जन्मों के लिए हो जाता है।

इस साल सावन की हरियाली तीज का त्योहार 27 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा। बता दें कि श्रावण मास में पड़ने की वजह से हरियाली तीज का एक नाम श्रावणी तीज भी है। शादीशुदा महिलाएं जहां ये व्रत पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं, वजह अविवाहित लड़किया इसे अच्छे वर की कामना के लिए करती हैं।

27 जुलाई को मनाई जाएगी हरियाली तीज

हरियाली तीज इस साल 27 जुलाई, रविवार को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के मुताबिक, सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई को रात 10:41 बजे शुरू होगी और 27 जुलाई को रात 10:41 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के मुताबिक, हरियाली तीज 27 जुलाई को मनाई जाएगी।

रवि योग का शुभ संयोग

इस बार हरियाली तीज के मौके पर रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। इसका समय 27 जुलाई को शाम 4:23 बजे से शुरू होकर 28 जुलाई को सुबह 5:40 बजे तक रहेगा। रवि योग में पूजा और व्रत करना बहुत शुभ फल देने वाला माना जाता है।


पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में हरियाली तीज का महत्वपूर्ण स्थान है। भोलेनाथ और मां पार्वती के पुनर्मिलन के प्रतिक इस त्योहार पर व्रत करने वाली विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो महिलाएं इस दिन सच्चे मन से पूजा करती हैं, उनका वैवाहिक जीवन हमेशा सुखी रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भोलेनाथ को अपने पति के तौर पर पाने के लिए बहुत कठिन तपस्या की थी। उन्होंने 108 जन्मों तक तपस्या की और उसके बाद भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्‍त किया।

मां पर्वती को चढ़ाएं सोलह श्रृंगार

हरियाली तीज की पूजा में मां पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। पूजा में सबसे पहले भगवान शिव का गंगाजल या पवित्र जल से अभिषेक करें। फिर माता पार्वती को चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी और चुनरी जैसी चीजें अर्पित करें।

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