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Hartalika Teej 2025: इनकी पूजा के साथ होती है व्रत की शुरुआत, जानिए व्रत की सही तिथि और पूजा का मुहूर्त

Hartalika Teej 2025: हिंदू धर्म में इस तीज व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विधान है। लेकिन इस दिन की शुरुआत इनकी पूजा से नहीं होती है। आइए जानें इस दिन की शुरुआत सबसे पहले किसकी पूजा से की जाती है।

अपडेटेड Aug 23, 2025 पर 10:54 PM
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हरतालिका तीज के दिन की शुरुआत गौरी पुत्र गणेश की पूजा के साथ की जाती है।

Hartalika Teej 2025: हिंदू धर्म के प्रमुख व्रत और त्योहारों में हरतालिका तीज का अहम स्थान है। यह व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विधान है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि के लिए और कन्याएं मनचाहा वर पाने की कामना से करती हैं। इस दिन मिट्टी से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने की परंपरा है।

इस साल ये व्रत 26 अगस्त के दिन किया जाएगा। हरतालिका तीज व्रत निर्जला किया जाता है और इसकी शुरुआत सूर्योदय होने के साथ हो जाती और इसका पारण अगले दिन सूरज उगने के बाद मां पर्वती की पूजा के बाद किया जाता है। इसलिए इसे हिंदू धर्म के कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस दिन महिलाएं मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए 16 श्रृंगार करती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती हैं। लेकिन इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा सबसे पहले नहीं की जाती है। तो आइए जानते हैं इस दिन सबसे पहले किसकी पूजा करने का विधान है ?

गौरी पुत्र की सबसे पहले होती है पूजा

हिंदू विवाहित महिलाओं और कन्याओं के जीवन में इस व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन सबसे पहले गौरी पुत्र गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। भगवान गणेश को सभी बाधाओं को दूर करने वाले ‘विघ्नहर्ता’ के रूप में जाना जाता है। इनकी पूजा सबसे पहले की जाती है, ताकि इस कठिन व्रत में कोई विघ्न-बाधा न आने पाए। यूं भी हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ काम में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन गणेश जी की पूजा के लिए एक चौकी या साफ जगह पर कपड़ा बिछाएं। इसके बाद गणेश जी की मूर्ति को स्नान करा कर साफ कपड़े से पोंछ कर नए वस्त्र पहनाएं और चौकी पर स्थापित करें। अब उन्हें सिंदूर, मोदक, दूर्वा और फूल अर्पित करें। घी का दीपक और धूप जलाकर उनकी आरती करें और व्रत को बिना किसी बाधा के पूरा करने के लिए गणेश जी का आह्वान करें।

25 को दोपहर से लगेगी तृतीया तिथी

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 25 अगस्त को दोपहर 12.34 बजे शुरू होगी और 26 अगस्त को दोपहर 01.54 बजे समाप्त होगी। हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को उदया तिथि होने की वजह से रखा जाएगा।


शुभ मुहूर्त

सुबह 05.56 बजे से सुबह 08.31 बजे तक

पूजा विधि

सुबह स्नान कर हरे या लाल रंग के कपड़े पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और एक चौकी पर लाल या हरे कपड़ा बिछाएं। इस पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। शिव-पार्वती की पूजा कर भोग अर्पित करें। मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। हरतालिका तीज की कथा सुनें और अंत में आरती कर प्रसाद बांटें।

मां पार्वती को चढ़ाएं 16 श्रृंगार

हरतालिका तीज के व्रत में माता पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। इसमें सिंदूर, काजल, चूड़ियां, लाल चुनरी, महावर, बिछिया, मेहंदी और अन्य शृंगार की सामग्री चढ़ाई जाती है।

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First Published: Aug 23, 2025 10:54 PM

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