अगस्त माह में आएंगी कजरी और हरतालिका तीज, जानिए इनकी तारीख और शुभ मुहूर्त

तीज का त्योहार साल में तीन बार मनाया जाता है। पहली तीज सावन के शुक्ल पक्ष में आती है, जिसे हरियाली तीज कहते हैं। सावन के बाद भाद्रपद मास शुरू होता है और इसी माह में दो तीज मनाई जाती है, एक कजरी तीज और एक हरतालिका तीज।

अपडेटेड Aug 09, 2025 पर 2:35 PM
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अगस्त के महीने में आएंगी कजरी और हरतालिका तीज

हिंदू धर्म में तीज के व्रत का बहुत महत्व है। यह त्योहार शादीशुदा महिलाओं के सौभाग्य और सम्पन्नता देने वाला माना जाता है। तीज का त्योहार मां पार्वती और भगवान शिव के मिलन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है इस त्योहार को करने से मां पार्वती और भगवान शिव सुखमय दांपत्य जीवन का आशीर्वाद देते हैं। यह त्योहार साल में तीन बार मनाया जाता है। पहली तीज सावन के शुक्ल पक्ष में आती है, जिसे हरियाली तीज कहते हैं। सावन के बाद भाद्रपद मास शुरू होता है और इसी माह में दो तीज मनाई जाती है, एक कजरी तीज और एक हरतालिका तीज।

राखी के तीन दिन बाद होती है कजरी तीज

कजरी तीज जहां भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनायी जाती है, यानी रक्षाबंधन के त्योहार के तीन दिन बाद। देश के कई हिस्सों में इसे बड़ी तीज, कजली तीज या सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत का बहुत अधिक आध्यात्मिक महत्व है और इसे खासतौर से शादीशुदा स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाती हैं।

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए यह व्रत किया था। उनकी अटूट आस्था और श्रद्धर से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। शादीशुदा महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सफलता की कामना करती हैं।

कजरी तीज 2025 तिथि और समय

कजरी तीज : 12 अगस्त, मंगलवार


तृतीया तिथि : 11 अगस्त सुबह 10:33 बजे से 12 अगस्त 2025 को सुबह 8:40 बजे तक रहेगी

हरतालिका तीज 2025

हरतालिका तीज 2025 भादों की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाएगी और इसका व्रत यह व्रत सोमवार, 25 अगस्त 2025 को रखा जाएगा। हरतालिका तीज पर शादीशुदा और अविवाहित महिलाएं निर्जला व्रत का पालन करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पार्वती भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या कर रही थीं, लेकिन उनके पिता हिमवान उनकी शादी विष्णु से कराना चाहते थे। इसलिए उनकी सहेलियों ने उनका अपहरण कर लिया और उन्हें जंगल में छिपा दिया। सहेलियों द्वारा अपहरण की याद में 'हरतालिका' तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन, महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर उसकी पूजा करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन और स्वस्थ संतान की कामना करती हैं।

तृतीया तिथि : 25 अगस्त को सुबह 3:04 बजे से 26 अगस्त को सुबह 4:24 बजे समाप्त होगी।

पूजा मुहूर्त : सुबह 6:17 से सुबह 8:57 बजे तक

प्रदोष काल मुहूर्त : शाम 7:39 बजे से रात 9:47 बजे तक

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First Published: Aug 09, 2025 2:20 PM

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