आजकल की तेज रफ्तार और फैशन के दौड़ में जीवन में कई बार हम ऐसे कई परंपरागत प्रतीकों को सिर्फ ट्रेंड या स्टाइल स्टेटमेंट मान लेते हैं, जिनके पीछे गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व छुपा होता है। ऐसा ही एक उदाहरण है महिलाओं और लड़कियों द्वारा पैरों में बांधा जाने वाला काला धागा। देखने में ये भले ही एक साधारण धागा लगे, लेकिन वास्तव में इसके पीछे कई धार्मिक मान्यताएं और ज्योतिषीय कारण जुड़े होते हैं। प्राचीन समय से माना जाता है कि काला धागा न केवल नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से रक्षा करता है, बल्कि ये शरीर की ऊर्जा को भी संतुलित करता है।
खासकर महिलाओं के लिए इसे बाएं पैर में बांधना अत्यंत शुभ माना जाता है। ये न सिर्फ आध्यात्मिक सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और सकारात्मकता बनाए रखने में भी सहायक होता है। आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण और फायदे।
किस पैर में बांधना होता है काला धागा?
भोपाल के ज्योतिषाचार्य रवि पाराशर बताते हैं कि महिलाओं के लिए काला धागा बाएं पैर में बांधना शुभ होता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
कब और कैसे बांधें काला धागा?
शनिवार का दिन काला धागा बांधने के लिए सबसे अच्छा माना गया है। इस दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें, शनि मंदिर जाकर तेल अर्पित करें और फिर बिना गांठ वाला काला धागा अपने बाएं पैर में बांधें। अगर आप इसे पूजा स्थल पर रखकर ध्यान के साथ बांधते हैं, तो इसका प्रभाव और ज्यादा बढ़ जाता है।
काला धागा टखने के ऊपर या नीचे बांधना सबसे सही होता है। इसे बहुत टाइट या बहुत ढीला न रखें। हालांकि इसे हाथ में भी बांधा जा सकता है, लेकिन पैरों में बांधना अधिक प्रभावशाली माना गया है।
काला धागा बांधने के प्रमुख फायदे
स्वास्थ्य में सुधार: बार-बार बीमार पड़ने पर यह शरीर की ऊर्जा को संतुलित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
विवाह में रुकावट दूर: शादी में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए शनिवार को ये उपाय करना फायदेमंद होता है।
कैरियर में सहायता: नौकरी या व्यवसाय में रुकावटें आ रही हों तो ये उपाय राहत देता है।
ग्रहदोष में लाभ: शनि, राहु या केतु की अशुभ स्थिति में काला धागा पहनना लाभकारी होता है।
मानसिक शांति: पारिवारिक तनाव और मानसिक अशांति को कम करने में मदद करता है।