हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशी में ये त्योहार दुनिया के असंख्य कृष्ण भक्त मनाते हैं। इस दिन कार्यक्रम होते, झांकियां सजती है, उत्सव जैसा माहौल होता है। लोग व्रत, पूजा और अनुष्ठान करते हैं। यह त्योहार हर साल हिंदू वर्ष के भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। सबसे खास बात तो यह है कि यह भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में रोहिणी नक्षत्र में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को मध्य रात्रि में कंस के कारागृह में हुआ था। भगवान विष्णु ने माता देवकी और पिता वासुदेव के घर में लड्डू गोपाल के रूप में अवतार लिया था। इस साल इसकी तिथि को लेकर लोगों में भ्रम हो रहा है कि ये 15 अगस्त को मनाया जाएगा या 16 अगस्त को।
15 या 16 कब होगी जन्माष्टमी
इस साल भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त को लग रही है। लेकिन उदया तिथि मान्य होने की वजह से जन्माष्टमी का व्रत और पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा।
अष्टमी तिथि आरंभ : 15 अगस्त 2025, रात 11.49 बजे
रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत : 17 अगस्त सुबह 4.38 बजे
रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति : 18 अगस्त 2025, तड़के 03:17 बजे
इन नियमों का पालन करें भक्त