Paush Month 2025: इस माह की खास तिथियों पर पितरों के श्राद्ध से दूर होता है पितृ दोष, जानें क्यों कहते हैं इसे छोटा पितृ पक्ष?

Paush Month 2025: 5 दिसंबर से पौष का पवित्र महीना शुरू हो जाएगा। इस माह में पितरों की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस माह की खास तिथियों पर पितरों की पूजा करने से पितृ दोष दूर होता है। जानें क्यों कहते हैं इसे छोटा पितृ पक्ष?

अपडेटेड Dec 04, 2025 पर 4:57 PM
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सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर कुछ समय के लिए रोक लग जाएगी।

Paush Month 2025: हिंदू कैलेंडर में मार्गशीर्ष माह के बाद अगला महीना पौष का होता है। इस माह में पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में भगवान सूर्य की पूजा के साथ ही पितरों की पूजा का भी विधान है। माना जाता है कि इस माह में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने से उन्हें बैकुंठ में स्थान मिलता है। पौराणिक धार्मिक शास्त्रों में पौष माह को छोटा पितृ पक्ष भी कहा गया है। इस माह में पितरों के लिए किया गया श्राद्ध कर्म, दान, तर्पण जातक को तमाम कष्टों से मुक्ति दिलाता है। इस माह में पितरों के निमित्त कुछ उपाय करने से पितृ दोष की शांति होती है और जातक के जीवन में खुशहाली आती है। इस माह की कुछ खास तिथियों पर पितरों की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। आइए जानें इसके बारे में

इन तिथियों पर करें पितरों की पूजा

पौष माह में संक्रांति, अमावस्या, पूर्णिमा के दिन विशेषतौर पर पितरों की पूजा करने का विधान है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।

सूर्योपासना का महत्व

पौष मास में भगवान सूर्य की भी पूजा विशेष रूप से की जाती है। इसी माह से खरमास की शुरुआत होती है और मांगलिक कार्य एक माह के लिए रुक जाते हैं। सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर कुछ समय के लिए रोक लग जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार इस माह को लेकर मान्यता है कि यदि इस माह में पितरों का पिंडदान किया जाए तो उन्हें वैकुंठ की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति इस माह में भगवान सूर्य को अर्घ्य देता है उसे बल, बुद्धि, विद्या, यश और धन की प्राप्ति होती है।

पौष माह पितरों के उपाय


  • पौष माह में पीपल के पेड़ के नीचे काला तिल डालकर दीपक जलाएं और पेड़ की परिक्रमा करें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष समाप्त होता है।
  • ब्राह्मणों को घर बुलाकर भोजन कराएं और दक्षिणा व वस्त्र दान करें। इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है।
  • पितृ स्तोत्र का पाठ करने से भी पितर प्रसन्न होते हैं।
  • श्रीमद् भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ भी कर सकते हैं।
  • शनिवार को काले कुत्ते को उड़द की रोटी खिलाने से भी पितृ दोष दूर होता है।

माता-पिता की हो चुकी है मृत्यु, तो जरूर करें तपर्ण

जिनके माता-पिता नहीं है पौष माह में उन्हें रोजाना नियमित रूप से एक लोटा जल में दूध और तिल मिलाकर तर्पण करना चाहिए। इस विधि को दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-शांति आ सकती है और दोगुनी तरक्की हासिल होती है।

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