Lunar Eclipse 2025: साल का आखिरी और पूर्ण चंद्र ग्रहण आज से ठीक 20 दिन बाद भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि यानी पितृ पक्ष के पहले दिन 7 सितंबर, 2025 को लगेगा। इस दिन आसमान में पूर्णिमा का चांद रक्तरंजित यानी ब्लड मून नजर आएगा। इसके अलावा अगला महीना यानी सितंबर एक और खगोलीय घटना का गवाह बनेगा। इसी माह की 21 तारीख को सर्वपितृ अमावस्या के दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। 7 सितंबर को होने वाला ये पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा, इसलिए इसका सूतक भी मान्य होगा।
भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण का समय
भारतीय समय के अनुसार, साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण भारत में 7 सितंबर को रात 9:58 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर को रात 1:25 बजे तक चलेगा। इस दौरान चंद्रमा लाल या नारंगी रंग का दिखेगा, जिसकी वजह से इसे ब्लड मून भी कहा जाएगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और यह तब होता है, जब पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चांद की सतह पर पड़ती है।
सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है। इससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। यह घटना सिर्फ पूर्णिमा के दिन हो सकती है, जब चंद्रमा पृथ्वी के विपरीत दिशा में होता है।
7 सितंबर का चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लगता है। 7 सितंबर को दोपहर 12.57 बजे शुरू हो जाएगा। ग्रहण खत्म होने के साथ ही सूतक भी खत्म हो जाता है। सूतक काल ग्रहण लगने से पहले का समय होता है, जिसे अशुभ माना जाता है। सूतक के दौरान कुछ विशेष कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और कोई धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं किया जाता है।
ग्रहण के सूतक काल में क्या न करें?