Shani Amavasya 2025: इस साल की आखिरी शनि अमावस्या भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि के साथ पड़ रही है। भादों मास की अमावस्या 23 अगस्त को होगी। इस दिन को यूं भी पितरों की पूजा और स्नान-दान के लिए खास माना जाता है। यह तिथि जब शनिवार के साथ पड़ती है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस विशेष दिन पर ब्लैक मून की खगोलीय घटना भी देखने को मिलेगी।
23 अगस्त को शनि अमावस्या के साथ ही ब्लैक मून की खगोलीय घटना होगी। आमतौर से, अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से एक महीने में एक अमावस्या और एक पूर्णिमा होते हैं। लेकिन जब एक महीने में दो अमावस्या होती है, तो दूसरी अमावस्या ब्लैक मून कहलाती है। अमावस्या के दिन चंद्रमा, धरती और सूरज एक सीधी रेखा में होते हैं। चंद्रमा का उजला हिस्सा पृथ्वी से दूर होता है, जिससे वह दिखाई नहीं देता है। ब्लैक मून एक खगोलीय घटना है, जो हर 29 महीने में एक बार होती है या एक खगोलीय सीजन में चार अमावस्याएं होने पर होती है। तब चौथी अमावस्या को ब्लैक मून कहते हैं। इसकी अवधारणा ब्लू मून से उलट है, जो फुल मून या पूर्णिमा के लिए कहा जाता है।
भाद्रपद मास की अमावस्या तिथ 22 अगस्त 2025 को सुबह 11.55 बजे से लगेगी और अगले दिन 23 अगस्त को सुबह 11.35 बजे तक रहेगी। ऐसे उदया तिथि को देखते हुए अमावस्या 23 अगस्त, शनिवार के दिन मानी जाएगी। इस दिन शनिवार होने से ये शनिश्चरी अमावस्या होगी। इसे साल की आखिरी शनि अमावस्या भी कहा जा रहा है। शनिवार को सूर्योदय के वक्त भाद्रपद महीने की अमावस्या रहेगी इसलिए तीर्थ स्नान और दान इस दिन करना फलदायक होगा।
भाद्रपद अमावस्या को पितृ दोष निवारण के लिए अच्छा माना गया है। इस दिन पिंडदान और श्राद्ध के साथ-साथ विशेष पूजा करने से पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य का आगमन होता है। मान्यता है कि इस पावन दिन पर भक्तजन यदि श्रद्धा से स्तोत्र या चालीसा का पाठ करें, तो पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
काल सर्प दोष निवारण के लिए उत्तम
शनि अमावस्या दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए भी अच्छा माना जाता है। इस दिन कालसर्प दोष की पूजा का विशेष फल मिलता है। इसके अलावा ये तिथि शनिदेव का दिन भी माना जाता है इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने पर शनि दोष शांत होता है।