Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। ये महीना भगवान विष्णु का प्रिय है और इसमें भगवान शिव की पूजा को समर्पित ये दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने वाले भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगहन मास की अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा में कुछ चीजें जरूर अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है और नकारात्मक शक्तियों का खात्मा होता है। आइए जानें इस दिन भगवान को क्या चीजें अर्पित करनी चाहिए?
मार्गशीर्ष अमावस्या की तारीख
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि 19 नवंबर दिन बुधवार को प्रात: 9:43 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। इस तिथि का समापन 20 नवंबर दिन गुरुवार को दोपहर 12:16 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर गुरुवार को है।
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 5 विशेष चीजें
पितृ दोष शांति के लिए अर्पित करें काले तिल : जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इस दौरान 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते रहें। माना जाता है कि इस दिन काले तिल चढ़ाने से पितृ दोष शांत होता है। साथ ही जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
आर्थिक तंगी से निकलने के लिए गन्ने का रस से अभिषेक : शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करें। अगर गन्ने का रस न हो, तो सादे जल में थोड़ा सा गुड़ मिलाकर चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन आगमन के स्रोत बनते हैं।
आक के फूल : इस दिन शिवलिंग पर आक के फूल अर्पित करें। कहा जाता है कि इसे अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है। साथ ही इसे चढ़ाने से भगवान शिव रोगों और असाध्य कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं।
शनि के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए चढ़ाएं शमी के पत्ते : अगहन अमावस्या पर शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढ़ाते हैं। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और अन्य अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है।
बिल्व पत्र : इस दिन शिवलिंग पर 108 बिल्व पत्र चढ़ाएं। बिल्व पत्र पर 'राम' या 'ॐ' लिखना न भूलें। इसके बाद शिवलिंग पर शहद की पतली धारा से अभिषेक करें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
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