Margashirsha Purnima Vrat Katha: मार्गशीर्ष मास को भगवान श्री कृष्ण का प्रिय मास बताया गया है। श्री कृष्ण ने इसे अपना ही स्वरूप बताया है। यही वजह है कि हिंदू धर्म में इस माह का बहुत महत्व है और इसकी पूर्णिमा तिथि को सबसे शुभ और मंगलकारी तिथियों में से एक माना जाता है। मार्गशीर्ष मास में की गई पूजा, व्रत और दान का फल अन्य मासों की तुलना में कई गुना अधिक मिलता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दान-पुण्य और जप करने से कई गुना अधिक फल मिलता है, जिससे मानसिक शांति, घर परिवार में स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इसे भक्ति, दान और आध्यात्मिक उन्नति का विशेष अवसर भी माना गया है। इस दिन व्रत करने वाले साधकों को ब्राह्मण धनेश्वा और उसके बेटे देवदास की कथा जरूर सुननी चाहिए। आइए जानें क्या है ये कथा और क्यों है इसका इतना महत्व ?
