सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। इस माह में कई तीज-त्योहार आते हैं, जो बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। इसी माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। पूरे साल में सिर्फ ये एक दिन ही है, जिसमें सांपों की पूजा करने का विधान है। इस साल ये त्योहार 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन घर के मुख्य दरवाजे पर सांप की आकृति बनाकर पूजा की जाती है। इसके साथ ही, इस दिन कालसर्प दोष निवारण के अनुष्ठान का भी विशेष महत्व होता है। कभी सोचा है कि ये त्योहार क्यों मनाया जाता है और इस दिन सांपों की पूजा करने का क्या अर्थ है। आइए जानें इस त्योहार से जुड़ी रोचक मान्यताएं
क्यो मनाते हैं नाग पंचमी?
पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल में एक राजा थे, जिनका नाम जनमेजय था। उन्होंने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए सांपों को समाप्त करने का प्रण लिया था। इसके लिए उन्होंने एक यज्ञ का आयोजन किया। नाग लोग से नाग इसकी अग्नि में खिंच कर भस्म होने लगे। तब आस्तिक मुनि ने यज्ञ रुकवाकर नागों की रक्षा की। तभी से नाग पंचमी का पर्व मनाया जाने लगा।
इन पौराणिक नागों की पूजा का विशेष महत्व
नाग पंचमी के दिन शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कालिया जैसे पौराणिक नागों की पूजा का विशेष स्थान है। माना जाता है कि इस दिन नाग देवता को दूध चढ़ाने से जीवन में शांति, समृद्धि और सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
नाग पंचमी 29 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी, यह तिथि 28 जुलाई की रात 11.24 बजे शुरू होगी और 30 जुलाई की सुबह 12.46 बजे खत्म होगी। नाग पंचमी के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 29 जुलाई की सुबह 05.41 से सुबह 08.23 तक रहेगा।
नाग पंचमी के दिन न करें ये गलतियां
किसी नुकीली या धारदार चीज से जमीन को नहीं खोदना चाहिए।
इस दिन सांपों की पूजा से पहले भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए।
नाग पंचमी के दिन काले रंग से दूर रहें, इस दिन काले कपड़े न पहनें।
नाग पंचमी के दिन सांप को न मारें, न परेशान करें।