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Navratri 2025 Day 3: आज मां चंद्रघंटा की होगी पूजा, जानिए आज का रंग, पूजा विधि और मंत्र

Navratri 2025 Day 3: नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है। इस दिन मां के इस रूप की पूजा का विशेष महत्व है। इनकी पूजा-अर्चना से भक्तों के जीवन से भय, शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। जानिए आज का शुभ रंग, पूजा विधि और मंत्र

अपडेटेड Sep 24, 2025 पर 6:30 AM
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मां चंद्रघंटा की पूजा से जीवन से भय, शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

Navratri 2025 Day 3: मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का समय शारदीय नवरात्र शुरू हो चुके हैं। इस त्योहार में हर दिन मां के अलग रूप की पूजा की जाती है। माना जाता है कि नवरात्र में मां उस दिन के रूप की पूजा करने से साधकों को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। शारदीय नवरात्र का पर्व अश्विन मास शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। आज अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है और नवरात्र का तीसरा दिन। इस दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है। मां का ये रूप भक्तों को शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा पर विजय पाने में मदद करता है।

मां चंद्रघंटा के मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की घंटा जैसी आकृति होती है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। मां के इस रूप का व्रत आज यानी बुधवार के दिन किया जाएगा। इस साल शारदीय नवरात्र नौ दिनों के नहीं 10 दिनों के है, अर्थात एक दिन की वृद्धि हो रही है। ये वृद्धि तृतीया तिथि में हो रही है, इसलिए बुधवार और गुरुवार दोनों दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। मां चंद्रघंटा की पूजा में सुनहरे या पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए।

कैस पड़ा मां का ये नाम

देवी पार्वती के विवाहित स्वरूप को देवी चंद्रघंटा के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव से विवाह होने के बाद देवी महागौरी ने अपने मस्तक पर अर्ध चंद्र धारण किया, जिसके बाद उन्हें देवी चंद्रघंटा के नाम से जाना जाने लगा। मान्यताओं के अनुसार, देवी चन्द्रघंटा शुक्र ग्रह की आराध्य देवी हैं। मां चंद्रघंटा की सवारी बाघिन है और उन्हें दस भुजाओं के साथ दर्शाया गया है। देवी चन्द्रघण्टा अपने चार बायें हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार तथा कमण्डलु धारण करती हैं तथा पांचवां बायां हाथ वर मुद्रा में रखती हैं। वह अपने चार दाहिने हाथों में कमल पुष्प, तीर, धनुष तथा जप माला धारण करती हैं तथा पांचवें दाहिने हाथ को अभय मुद्रा में रखती हैं।

इस मंत्र से करें मां चंद्रघंटा की पूजा

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥


पूजा का मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04:35 बजे से सुबह 05:23 बजे तक
  • विजय मुहूर्त : दोपहर 02:14 बजे से दोपहर 03:02 बजे तक
  • अमृत काल : सुबह 09:11 बजे से सुबह 10:57 बजे तक

पूजा विधि

  • सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें।
  • फिर पूजा स्थल को साफ करें।
  • अब मां को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • उन्हें धूप, दीप, चंदन, सिंदूर, पुष्प अर्पित करें और मिठाई का भोग लगाएं।
  • मां चंद्रघंटा के मंत्र "ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः" का जाप करें।
  • मां दुर्गा की आरती उतारें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

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