Shardiya Navratri 2025: 22 सितंबर से हो रहा है मां दुर्गा का आगमन, जानिए इस दौरान गरबा और डांडिया खेलने का क्या है धार्मिक महत्व?

Shardiya Navratri 2025: मां दुर्गा के आमगन का समय नजदीक आ रहा है। इस दौरान भक्त मां के नौ रूपकों की पूजा करते हैं। कई जगह नवरात्र में डांडिया और गरबा करने का भी चलन है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कोई फैशन नहीं है, बल्कि इसके साथ गहरी धार्मिक मान्यता जुड़ी हुई है।

अपडेटेड Sep 13, 2025 पर 7:00 AM
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नवरात्र में खासतौर से किया जाने वाला गरबा नृत्य का धार्मिक महत्व भी है।

Shardiya Navratri 2025: नवरात्री का पर्व मां दुर्गा के धरती पर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए आने का उत्सव है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साल में चार नवरात्र आते हैं, जिनमें दो नवरात्र गुप्त रूप से किए जाते हैं और दो प्रत्यक्ष रूप से। प्रत्यक्ष रूप से एक बार नवरात्र चैत्र मास में होता है और दूसरा आश्विन मास की शुक्ल पक्ष में किया जाता है। आश्विन मास के नवरात्र को शारदीय नवरात्र भी कहते हैं। इस साल शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। इस बार का पर्व कई खास संयोग लेकर आ रहा है, इसलिए इसे लेकर भक्तों में विशेष उत्साह है।

प्रतिपदा पर हस्त नक्षत्र में होगी घटस्थापना

शारदीय नवरात्र की शुरुआत आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है, जो इस साल 22 सितंबर को है। इस दिन सुबह से ही हस्त नक्षत्र लग रहा है। इस दौरान कलश स्थापना बहुत शुभकारी मानी जाती है। इसके साथ इस दिन पूरे दिन शुक्ल योग भी मिल रहा है।


प्रतिपदा तिथि प्रारंभ : 21 सितंबर, 2025 मध्यरात्रि 1.24 बजे से

प्रतिपदा तिथि समाप्त : 22 सितंबर, 2025 मध्यरात्रि 2.55 बजे

घटस्थापना मुहूर्त

अमृत मुहूर्त : सुबह 6.19 बजे से 7.49 बजे तक

शुभ मुहूर्त : सुबह 9.14 बजे से 10.49 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11.55 से 12.43 बजे तक रहेगा

डांडिया और गरबा का धार्मिक महत्व

नवरात्र के दौरान पूरे देश में गरबा और डांडिया नाइट्स का आयोजन होता है। लेकिन ये सिर्फ फैशन या मस्ती के लिए नहीं किया जाता है। गरबा और डांडिया खेलने के पीछे बहुत गहरा धार्मिक महत्व भी है। आइए जानें इसके बारे में

गरबा : गरबा का अर्थ है ‘गर्भ’ या ‘अंदर का दीपक। नवरात्र के नौ दिन लोग मिट्टी के एक मटके में दीपक जलाते हैं, जिसे ‘गरबी’ कहा जाता है। इस मटके को मां दुर्गा की शक्ति और उर्जा के रूप में जाना जाता है। इसके चारों ओर लोग नृत्य करते हैं। गरबा नृत्य में लोग गोल घेरा बनाकर नृत्य करते हैं। यह मां दुर्गा के लिए गाए जाने वाले गीतों पर किया जाता है। गरबा एक पारंपरिक नृत्य है जो गुजरात में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। यह नृत्य देवी के गर्भ में छिपी हुई उर्जा और शक्ति को प्रकट करता है। गरबा का गोल घेरा ब्रह्मांड के निरंतर चलने वाले चक्र का प्रतीक है, जहां जीवन और मृत्यु एक चक्र में बंधे होते हैं।

डांडिया : डांडिया में पुरुष और महिलाएं लकड़ी की छड़ियों के साथ नृत्य करते हैं। सही तरीके से कहा जाए तो वे एक दूसरे के साथ डांडिया खेलते हैं। यह देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध का प्रतीक है। डांडिया नृत्य के दौरन खेली जाने वाली छड़ियां मां दुर्गा की तलवार का प्रतीक माना गया है, जो बुराई का विनाश करती है।

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First Published: Sep 13, 2025 7:00 AM

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