Paush Amavasya 2025: जानें पौष अमावस्या की सही तिथि और स्नान-दान का मुहूर्त, पितरों के तर्पण के लिए मानी जाती है बहुत शुभ

Paush Amavasya 2025: पौष माह की अमावस्या को पितरों के तर्पण और स्नान-दान के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन का हिंदू धर्म में बहुत गहरा धार्मिक महत्व है। आइए जानें इस साल ये शुभ और पवित्र तिथि दिन होगी और इसमें स्नान-दान का मुहूर्त क्या रहेगा?

अपडेटेड Dec 17, 2025 पर 7:00 AM
Story continues below Advertisement
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या पर किए गए दान से पूर्वजों को शांति मिलती है।

Paush Amavasya 2025: पौष अमावस्या 2025 का हिंदू धर्म में गहरा धार्मिक महत्व है। पौष महीने में आने वाली यह अमावस्या विशेष रूप से पूर्वजों के तर्पण, स्नान, दान और सूर्य देव की प्रार्थना के लिए समर्पित होती है। इस अमावस्या को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। इसे पितृ तर्पण, दान और पूर्वजों के अनुष्ठान करने के लिए बहुत शुभ बनाता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या पर किए गए दान से पूर्वजों को शांति मिलती है और वे परिवार को समृद्धि, स्वास्थ्य और सद्भाव का आशीर्वाद देते हैं। पौष अमावस्या की सही तारीख को लेकर भ्रमित हैं, तो यहां इसकी सही तिथि, मुहूर्त और अनुष्ठानों के बारे में जान सकते हैं।

पौष अमावस्या की तारीख

पौष अमावस्या : 19 दिसंबर, 2025

अमावस्या तिथि शुरू : सुबह 4:59 बजे, 19 दिसंबर

अमावस्या तिथि समाप्त : सुबह 7:12 बजे, 20 दिसंबर

स्नान-दान का मुहूर्त


पौष अमावस्या पर स्नान और दान के लिए सबसे शुभ समय सुबह 5:19 बजे से 6:14 बजे तक रहेगा। पितृ तर्पण और पूर्वजों की पूजा के लिए आदर्श समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच रहेगा। माना जाता है कि इस मुहूर्त में नदी में स्नान करने और उसके बाद दान करने से पितृ दोष कम होता है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

सूर्य पूजा का महत्व

पौष अमावस्या पर सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। स्कंद पुराण के अनुसार, अमावस्या पर सूर्य देव को अर्घ्य देने से नकारात्मकता दूर होती है, स्वास्थ्य में सुधार होता है और मानसिक और शारीरिक ऊर्जा मजबूत होती है। माना जाता है कि जो भक्त दिन की शुरुआत सूर्य पूजा से करते हैं, उन्हें बीमारियों और प्रतिकूल ग्रहों के प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।

पौष अमावस्या पर किए जाने वाले अनुष्ठान

  • पौष अमावस्या पर सुबह जल्दी स्नान करना, बहुत फायदेमंद माना जाता है। नहाने के बाद, "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करते हुए तांबे के बर्तन से सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
  • पौष महीने में पितृ तर्पण करने से व्यक्ति और उसकी आने वाली पीढ़ियों को भी पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। इस समय जरूरतमंदों को खाना, गर्म कपड़े, कंबल और रोजमर्रा की ज़रूरत का सामान दान करना बहुत फायदेमंद होता है।
  • इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना और पक्षियों के लिए दाना-पानी रखना भी पुण्य माना जाता है। माना जाता है कि दया के ऐसे कामों से आध्यात्मिक पुण्य बढ़ता है और घर में शांति और सकारात्मकता आती है।

Kharmas 2025 Katha: आज से शुरू हुआ खरमास, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।