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Pitra Paksha 2025: 100 साल बाद बन रहा ये दुर्लभ संयोग, आपने ध्यान दिया?

Pitra Paksha 2025: इस साल श्राद्ध की अवधि दो खास खगोलीय घटनाओं की साक्षी बनेगी। यह 15-16 दिनों की अवधि भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू हो कर आश्विन मास की अमावस्या तक रहती है। इस साल इस अवधि में चंद्र और सूर्य ग्रहण दोनों एक साथ देखने को मिलेंगे।

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 19, 2025 पर 10:22 AM
Pitra Paksha 2025: 100 साल बाद बन रहा ये दुर्लभ संयोग, आपने ध्यान दिया?
पितृ पक्ष में 15 दिनों के अंतराल पर 100 बाद एक साथ लगेंगे सूर्य और चंद्र ग्रहण।

Pitra Paksha 2025 हिंदू धर्म में इस 15-16 दिनों की अवधि का बहुत महत्व है। इस दौरान परिवार के उन परिजनों को याद किया जाता है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इनकी आत्मा की शांति पूजा, अनुष्ठान और दान कर्म किया जाता है। माना जाता है कि इस अवधि में पितृ धरती पर अपने वंशजों को देखने के लिए आते हैं और उन्हें आशीर्वाद देकर जाते हैं। ये अवधि भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक होती है। इस बार श्राद्ध पक्ष की ये अवधि दो खगोलीय घटनाओं के एक साथ घटने की वजह से और भी खास हो गई है। आइए जानते हैं इसके बारे में

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत में पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, यानी 7 सितंबर को भद्रपद पूर्णिमा के दिन ये खगोलीय घटना घटेगी। इसके 15 दिन बाद यानी 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होगा। धार्मिक विशेषज्ञों के मुताबिक पितृ पक्ष में दोनों ग्रहण एक पखवाड़े के अंतराल पर होना 100 साल में पहली बार हो रहा है।

इस बार का पूर्ण चंद्र ग्रहण जहां भारत में दिखाई देगा, वहीं सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसके अलावा चंद्र ग्रहण के दौरान जो चंद्रमा आसमान में आयेगा, वो ब्लड मून होगा। इस तरह से इस बार पितृ पक्ष की अवधि दो दुर्लभ खगोलीय घटानाओं की साक्षी बनेगी।

पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण के साथ

साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण भारत में 7 सितंबर को रात 9:58 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर को रात 1:25 बजे तक चलेगा। इस दौरान चंद्रमा लाल या नारंगी रंग का दिखेगा, जिसकी वजह से इसे ब्लड मून भी कहा जाएगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और यह तब होता है, जब पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चांद की सतह पर पड़ती है। इसी दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत होगी।

सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण

ये सूर्य ग्रहण भी साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। ये 21 सितंबर 2025 को अमावस्या के दिन होगा। इसी दिन हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या भी होगी। ये सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार, रात 11 बजे शुरू होकर 22 सितंबर को तड़के 3.24 बजे तक समाप्त होगा। ग्रहण की कुल अवधि 4.24 घंटे की होगी और ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।

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