Pradosh Vrat Date: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान शिव को समर्पित यह व्रत प्रत्येक हिंदू माह में दो बार आता है। एक बार कृष्ण पक्ष में और फिर शुक्ल पक्ष में। इस तरह एक साल में 24 प्रदोष व्रत आते हैं। यह व्रत हर पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। इस व्रत का महत्व उस दिन के अनुसार और भी बढ़ जाता है, जब वो किया जाता है। जैसे सोमवार को प्रदोष व्रत होने पर सोम प्रदोष होता है और मंगलवार को प्रदोष तिथि पड़ने पर भौम प्रदोष व्रत होता है। इस दिन विधि–विधान से पूजा करने पर भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि आती है और सफलता प्राप्त होती है। यह व्रत सुबह से लेकर शाम तक रखा जाता है। शाम को शिव परिवार की विशेष पूजा के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
पंचांग के अनुसार, अगहन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 02 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 57 मिनट पर होगी। वहीं, त्रयोदशी तिथि का समापन 03 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर होगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। इसलिए 02 दिसंबर को प्रदोष व्रत किया जाएगा।
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन पूजा का मुहूर्त शाम को प्रदोष काल में होगा। इसके लिए शाम 5 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 7 मिनट का समय शुभ है। इस समय में प्रदोष व्रत की पूजा कर सकते हैं।
जब प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़ता है, तो इसे भौम प्रदोष कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह दिन कर्ज मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। पुराणों में उल्लेख है कि त्रयोदशी की संध्या में प्रथम प्रहर के समय भगवान शिव के दर्शन करने से व्यक्ति के जीवन की बड़ी से बड़ी बाधाएं दूर होने लगती हैं और समस्याओं का समाधान मिलता है।
कर्ज से मुक्ति दिलाता है भौम प्रदोष व्रत
कर्ज से परेशान लोगों के लिए यह व्रत सबसे सरल उपाय है। ऋण का बोझ जल्दी से उतारने के लिए लोग हर तरह के उपाय करते हैं। ऐसे लोगों के लिए प्रदोष व्रत बहुत प्रभावी माना गया है।