Raksha Bandhan 2025: कब है राखी? जानें क्यों इस बार है यह पर्व बेहद खास

Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है, लेकिन कई बार भद्रा का अशुभ समय त्योहार की खुशियों में खलल डाल देता है। इस बार रक्षाबंधन कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और क्या भद्रा का साया रहेगा या नहीं, इन सभी सवालों का जवाब हम यहां विस्तार से बता रहे हैं

अपडेटेड Jun 26, 2025 पर 9:59 AM
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Raksha Bandhan 2025: पिछले कुछ वर्षों में भद्रा के चलते रक्षाबंधन की शुभता में बाधा आती रही है।

रक्षाबंधन का पर्व भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है। ये त्योहार हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को पूरे देश में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा-सूत्र (राखी) बांधती हैं और उसके दीर्घायु व सुख की कामना करती हैं, वहीं भाई उन्हें जीवनभर सुरक्षा देने का वचन देता है। रक्षाबंधन का ये पर्व इस बार और भी खास बनने जा रहा है, क्योंकि इस वर्ष इस शुभ अवसर पर भद्रा का अशुभ साया नहीं रहेगा।

बीते वर्षों में भद्रा के कारण राखी बांधने में अड़चन आती रही है, लेकिन 2025 में ऐसा नहीं होगा। ऐसे में भाई-बहन बिना किसी संकोच और चिंता के ये पर्व मना सकेंगे। आइए जानें रक्षाबंधन 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और खास योग।

रक्षाबंधन 2025 की तारीख क्या है?


रक्षाबंधन इस साल 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। श्रावण पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त शुक्रवार दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त दोपहर 1:21 बजे तक रहेगी। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, पर्व 9 अगस्त को ही मनाया जाएगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जो त्योहार को और भी अधिक शुभ बनाते हैं।

राखी बांधने का श्रेष्ठ समय: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:22 से 5:04

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:53 बजे तक

इस खास समय में राखी बांधने से भाई-बहन का रिश्ता और अधिक मजबूत व सौभाग्यशाली माना जाता है।

क्या इस बार भद्रा का असर रहेगा?

पिछले कुछ वर्षों में भद्रा के चलते रक्षाबंधन की शुभता में बाधा आती रही है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भद्रा इस बार पूर्णिमा तिथि से पहले यानी 9 अगस्त के सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी। इसका मतलब है कि भाई-बहन बिना किसी चिंता के पूरे प्रेम और उत्साह के साथ रक्षाबंधन मना सकेंगे।

क्यों खास है यह रक्षाबंधन?

इस बार न सिर्फ भद्रा का साया नहीं रहेगा, बल्कि शुभ योगों का संगम भी इस पर्व को विशेष बना रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया रक्षा-सूत्र बंधन न केवल भाई की रक्षा करता है, बल्कि बहन को भी सौभाग्य, समृद्धि और सुख का आशीर्वाद देता है।

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First Published: Jun 26, 2025 9:47 AM

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