Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी पर गणपति की करें पूजा, जानें भोग, मंत्र और पारण का समय

Sankashti Chaturthi 2025: विकट संकष्टी चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को समर्पित है और इसे अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। इस बार यह व्रत 16 अप्रैल को मनाया जा रहा है। इस दिन उपवास रखने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। चलिए, इस उपवास से जुड़ी प्रमुख जानकारी जानते हैं

अपडेटेड Apr 16, 2025 पर 11:33 AM
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Sankashti Chaturthi 2025: इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है।

संकष्टी चतुर्थी, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान गणेश को समर्पित होता है। ये व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है और इसे विशेष रूप से गणेश जी की पूजा के दिन के रूप में माना जाता है। इस व्रत के दौरान श्रद्धालु दिनभर उपवासी रहते हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा से जीवन के सभी संकट दूर होने और समृद्धि प्राप्त होने की मान्यता है। इस बार संकष्टी चतुर्थी 16 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।

श्रद्धालु इस दिन भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा, जाप और भोग अर्पित करते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की उपासना से सभी परेशानियों का समाधान मिलता है और जीवन में खुशहाली आती है।

पूजा विधि: कैसे करें भगवान गणेश की आराधना


सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और लाल वस्त्र धारण करें।

पूजा स्थल को स्वच्छ कर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।

उन्हें लाल फूल, दूर्वा, सिंदूर और मोदक चढ़ाएं।

गणेश चालीसा और मंत्रों का जाप करें।

गणेश जी की आरती कर उन्हें भोग लगाएं।

शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अगले दिन व्रत का पारण करें।

क्या चढ़ाएं भोग में?

भगवान गणेश को मोदक अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए उनका भोग अवश्य लगाएं।

इसके साथ ही लड्डू, फल, मिठाई और तिल-गुड़ से बनी चीजें भी अर्पित की जा सकती हैं।

पूजन मंत्र:

ॐ गं गणपतये नमः

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

पूजा का शुभ मुहूर्त

व्रत का पारण चंद्रोदय के बाद किया जाता है, और इस बार चंद्रमा रात 9 बजकर 53 मिनट पर उदय होगा। गणपति पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 5:55 बजे से लेकर 9:08 बजे तक है। इस समय के बीच पूजा करने से व्रति को अधिक लाभ और गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

व्रत के लाभ: क्यों रखें यह उपवास?

इस दिन का व्रत सभी संकटों को दूर करता है और इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

घर में शांति और शुभता बनी रहती है।

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First Published: Apr 16, 2025 11:33 AM

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