Jitiya Vrat 2025: ये व्रत माताएं अपनी संतान को हर बुरी बला से बचाने के लिए करती हैं। हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है। जीतिया व्रत को महिलाओं द्वारा किए जाने वाले कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इसमें व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला और निराहार व्रत करती हैं। ये व्रत हर साल आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। लेकिन इसकी शुरुआत सप्तमी तिथि को नहाय खाय के साथ होती है। इस साल जीतिया का मुख्य व्रत 14 सितंबर को होगा, जबकि नहाय खाय आज से शुरू हो गया है। इस व्रत में नहाय खाय से लेकर पारण तक सख्त नियम हैं, जिनके बिना इसे पूरा नहीं माना जाता है।
जीतिया के व्रत में नहाय खाय की परंपरा बेहद अहम मानी जाती है। व्रत करने वाली महिलाएं आज के दिन जो खाती हैं, उससे उन्हें अगले 36 घंटे तक बिना कुछ खाए-पिए व्रत करने की ताकत मिलती है। इस दिन सात्विक और पूरे परिवार के साथ सम्मिलित भोजन करने की मान्यता है। इसके अगले दिन से जीतिया का मुख्य व्रत शुरू होता है, जिसका पारण आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को सूर्योदय के बाद किया जाता है। इस तरह से हिंदू धर्म के बहुत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। नहाय खाय के दिन घर में बहुत स्वादिष्ट और सात्विक भोजन बनता है।
नहाय खाय में क्या खाते हैं
चावल, अरहर की दाल, पांच से सात प्रकार की सब्जियां, पापड़, पकौड़ी, मढ़ुआ के आटे की रोटी, झिंगनी, कच्चू खाया जाता है। व्रत रखने से पहले नोनी का साग खाया जाता है। इस साग में कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जिससे उनके शरीर को पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है। झिंगनी और कच्चू की सब्जी भी महिलाओं में पोषण की कमी की भरपाई करने के लिए जरूरी माने जाते हैं।
नहाय खाय के दिन व्रती महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं। इसके बाद विधिवत पूजा की जाती है। इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। ध्यान रखें कि नहाय खाय के दिन बिना लहसुन-प्याज वाला भोजन करना चाहिए। इस दिन मांसाहार से दूर रहना चाहिए।
जितिया व्रत की 3 दिनों की पूजा के शुभ मुहूर्त