आज 28 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ये महीना शिव आराधना के लिए विशेष माना जाता है। इस पवित्र महीने में आने वाले प्रत्येक सोमवार का अपना एक अलग ही महत्व होता है। इस बार सावन के तीसरे सोमवार पर विनायक चतुर्थी के साथ रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है। विनायक चतुर्थी व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। ये व्रत भगवान श्रीगणेश की कृपा पाने के लिए बेहद खास माना गया है।
ये दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार, सावन के सोमवार को व्रत रखने वाले भक्तों की भगवान शिव न केवल मनोकामनाएं पूरी करते हैं, बल्कि उन्हें सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद भी प्रदान करते हैं।
रवि योग को ज्योतिष में बेहद शुभ योग माना गया है। मान्यता है कि इस योग में किया गया हर कार्य सफल होता है और उसका फल निश्चित रूप से मिलता है। सावन के इस पावन सोमवार को रवि योग का संयोग इसे और भी खास बना देता है।
रवि योग का समय: सुबह 05:40 बजे से शाम 05:35 बजे तक
अमृत काल: सुबह 10:52 से दोपहर 12:33 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 बजे तक
शाम का पूजन मुहूर्त: शाम 07:15 से 07:36 बजे तक
जहां एक तरफ शुभ योगों की बात हो रही है, वहीं आज के दिन भद्रा काल भी पड़ रहा है, जो कुछ हद तक सावधानी बरतने का संकेत भी देता है।
सुबह 10:57 बजे से रात 11:24 बजे तक भद्रा काल है। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, भद्रा काल में पूजा-पाठ या मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं होता। कहा जाता है कि इस समय किए गए कार्यों से वांछित फल नहीं प्राप्त होते। ऐसे में शिव पूजन या अन्य कार्यों को भद्रा काल से पहले या बाद में करना श्रेष्ठ माना गया है।
आज का तीसरा सोमवार सिर्फ एक व्रत या परंपरा नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक अवसर है। जब एक ही दिन शिव, पार्वती और गणेश, तीनों की कृपा पाने का योग बन रहा है। इस दिन व्रत कर शिवलिंग पर जल,फुल, बेलपत्र आर्पित करने से शादी विवाह में आनें वाली समस्याएं दूर होती हैं।