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Sharad Purnima 2025: आज चंद्रमा को इस समय दिया जाएगा अर्घ्य, जानें आज मां लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। आज के दिन मां लक्ष्मी, चंद्रमा और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। माना जाता है है कि आज चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं। आइए जानते हैं आज चंद्रमा को अर्घ्य देने और लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा?

अपडेटेड Oct 06, 2025 पर 4:15 PM
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आज चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं और उसमें से अमृत वर्षा होती है।

Sharad Purnima 2025: हिंदू धर्म में अश्विन पूणिमा का विशेष महत्व है। आज अश्विन मास की पूर्णिमा है, जिसे शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा भी कहते हैं। आज चंद्र देव, भगवान श्री कृष्ण और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आज चंद्रमा धरती के सबसे करीब होता है, इसलिए आज की रात चंद्रमा की रोशनी अन्य दिनों के मुकाबले अधिक होती है। इसके अलावा माना जाता है आज चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं और उसमें से अमृत वर्षा होती है। यही वजह है कि आज की रात खीर बना कर उसे चांदनी में पूरी रात रखने की विशेष परंपरा है।

आज की रात चांदनी में रखी खीर का सूर्योदय से पहले सेवन करने से व्यक्ति निरोग और दोष मुक्त हो जाते हैं। एक अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार आज की रात मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं। आज की रात मां लक्ष्मी की सच्चे मन और श्रद्धा के साथ पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और धन-धान्य की कमी नहीं होती है। इसके साथ ही, ये भी माना जाता है कि आज की रात भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी और अन्य गापियों के साथ महारास रचाया था। इसलिए आज राधा-कृष्ण की पूजा भी की जाती है। आज के दिन घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। आज सफेद वस्तुएं, चावल, दूध, चीनी, या वस्त्र का दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। आज चंद्रमा को अर्घ्य जरूर देना चाहिए।

आज 12 बजे के बाद लगेगी अश्विन पूर्णिमा तिथि

पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल पूर्णिमा की तिथि आज 6 अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे लगेगी। ये अगले दिन यानी मंगलवार, 7 अक्टूबर को सुबह 9:16 बजे तक रहेगी। आश्विन पूर्णिमा की रात 6 अक्टूबर को है, इसलिए आज ही शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी।

पूजा-पाठ में भद्रा काल का रखें विशेष ध्यान

शरद पूर्णिमा के दिन भद्रा का प्रारंभ दोपहर में 12.23 बजे से होगा और रात 10.53 बजे समाप्त होगा। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस दिन वृद्धि योग दोपहर में 01.14 बजे तक है। इस योग में शुभ कार्य करने पर उसके फल में बढ़ोत्तरी होगी।


चंद्रोदय का समय

  • चंद्रोदय का समय : शाम 05.27 बजे

पूजा के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04.39 बजे से सुबह 05.28 बजे तक
  • लाभ-उन्नति मुहूर्त : सुबह 10.41 बजे से दोपहर 12.09 बजे तक
  • अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त : दोपहर 12.09 बजे से दोपहर 01.37 बजे तक

कोजागरी पूजा विधि

  • पूजा स्थान को साफ करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
  • मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।
  • मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद'' मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • रात में चंद्रमा निकलने पर एक लोटे में दूध, जल, चावल और सफेद फूल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
  • खीर को रात भर खुले आसमान के नीचे रखें और अगले दिन सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।

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