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Shardiya Navratri 2025: घर में सुख-समृद्धि का संकेत है जौ का बढ़ना, जानिए जौ बोने के ये नियम

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र शुरू हो चुके हैं। नवरात्र में घटस्थापना के साथ जौ बोने की भी परंपरा है। इसे पर्व के पहले दिन किया जाता है। नौ दिनों तक इसे घर में रखने के बाद 10वें दिन इसे विसर्जित कर दिया जाता है। तो आज जानते हैं नवरात्र की इस खास परंपरा और इसके महत्व के बारे में

अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 10:59 AM
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नवरात्र के पहले दिन मां के स्वागत के साथ ही मिट्टी के बर्तन में जौ बोए जाते हैं।

Shardiya Navratri 2025: आस्था और विश्वास का पर्व शारदीय नवरात्र शुरू हो चुके हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व की कुछ विशेष परंपराएं हैं, जिनका हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। इनमें से एक है जौ या जवारे बोने की परंपरा। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना के साथ ही इस रस्म को भी निभाया जाता है। जो बोने के बाद नवरात्र के दौरान इसे पूरे नौ दिनों तक उसी स्थान पर रखते हैं, जहां मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इसके बाद 10वें दिन इसे विसर्जित कर दिया जाता है।

नवरात्र में जैसे घटस्थापना, अखंड ज्योति और नौ दिनों का व्रत करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, उसी तरह जौ उगाने भी मां की भक्ति का हिस्सा है। नवरात्र के पहले दिन मां के स्वागत के साथ ही मिट्टी के बर्तन में जौ बोए जाते हैं। माना जाता है कि इसके बिना मां की पूजा अधूरी रहती है। इसे बोने का तरीका और इसके महत्व के बारे में आज हम जानेंगे। इसे जौ जयंति भी कहते हैं।

जौ उगाने के नियम

इसके लिए एक मिट्टी के बर्तन में मिट्टी भरते हैं और फिर उसमें जौ या जवारे डाले जाते हैं। इनके ऊपर हल्का पानी छिड़क कर छोड़ दिया जाता है। तीन से चार दिन में जौ में अंकुर फूटने लगते हैं। ध्यान रखें, इसमें बहुत पानी नहीं डालना चाहिए। पानी ज्यादा होने से जौ नहीं निकलेंगे। इसकी मिट्टी को गीला रखने के लिए रोज थोड़ा-थोड़ा पानी का छिड़काव करना चाहिए।

जौ बोने का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जौ को सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा का स्वरूप माना जाता है। जौ को दुनिया का पहला अनात भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है, ये अनाज का दाना दुनिया के सभी अनाजों का जनक है। जैसे ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी, वही स्थान जौ का कृषि में है।


अशुभ संकेत है जौ अंकुरित नहीं होना

अगर सही तरीके से जौ बोया जाए, तो इसमें तीन से चार दिनों में अंकुर निकल आते हैं। पानी ज्यादा होने पर बीज सड़ सकते हैं। इसलिए इसका बहुत ध्यान रखना होता है। जौ में अंकुर नहीं निकलने को बहुत अशुभ माना जाता है।

सुख-समृद्धि का संकेत है जौ का हरा होगा

जौ में अंकुर फूटना और उसका नवरात्र में हरा होना घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बढ़ने का संकेत माना जाता है। माना जाता है कि जौ का बढ़ना संकेत है कि आदिशक्ति मां दुर्गा की आप पर कृपा बनी हुई है।

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First Published: Sep 23, 2025 10:45 AM

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