Shardiya Navratri 2025: मां के कीर्तन में सुना दें इनमें से कोई भी गीत, सुनते ही झूमने लगेंगे भक्त
Shardiya Navratri 2025: आज से नवरात्र का पावन पर्व शुरू हो चुका है। इसी के साथ हवा में मां के भजन गूंजने लगे हैं। आप भी माता की चौकी या कीर्तन में मां के यहां बताए गाने गा सकते हैं। ये 5 भजन ऐसे है जिन्हें सुनने के बाद मां के भक्त अपने आप झूमने लगते हैं। आइए जानें इनके बारे में
मातारानी के कुछ गीत तो ऐसे सदाबहार हैं, कि सुनते ही लोगों की आंखों में आंसू आने लगते हैं।
Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र के पवित्र पर्व की शुरुआत हो चुकी है। इस त्योहार की शुरुआत होने के साथ ही मां के जयकारे हर तरफ गूंजने लगते हैं। चारों तरफ चहल-पहल और खुशहाली का माहौल रहता है। नई चीजों की शुरुआत हो जाती है। दुर्गा पूजा पंडाल सजने लगते हैं और मां की भक्ति में सराबोर भक्तों के होठों पर मां की महिमा के गीत अपने आप सजने लगते हैं। दिन की शुरुआत के साथ ही कहीं से कीर्तन की आवाज सुनाई देते है, तो कहीं माता की चौकी, जगराता या भंडारा होता है। पूरा माहौल इतना भक्तिमय होता है कि हर कोई इसके रंग में रंग जाता हैं माता शेरावाली के गीत गुनगुनाने लगता है। मातारानी के कुछ गीत तो ऐसे सदाबहार हैं, कि सुनते लोगों की आंखों में आंसू आने लगते हैं। आइए जानें मां की भक्ति में सराबोर कुछ भजन, जिन्हें सुनकर आप बिना गाए नहीं रह पाएंगे। मां दुर्गा की लीलाओं और आशीर्वाद से भरे ये गीत गाने से हर भक्त झूम उठेगा।
1) चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।
ऊंचे परबत पर रानी मा ने दरबार लगाया है।।
सारे जग में एक ठिकाना, सारे गम के मारों का,
रस्ता देख रही है माता, अपनी आंख के तारों का।
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेशा लाया है।।
जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालों को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पांव के छालों को।
जिस ने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है।।
वैष्णो देवी के मन्दिर में, लोग मुरादें पाते हैं,
रोते-रोते आते है, हस्ते-हस्ते जाते हैं।
मैं भी मांग के देखूं, जिस ने जो मांगा वो पाया है।।
मैं भी तो एक मां हूं माता,
माँ ही माँ को पहचाने।
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने।
उस का खून मैं देखूं कैसे, जिसको दूध पिलाया है।।
प्रेम से बोलो, जय माता दी।
ओ सारे बोलो, जय माता दी।
वैष्णो रानी, जय माता दी।
अम्बे कल्याणी, जय माता दी।
मां भोली भाली, जय माता दी।
मां शेरों वाली, जय माता दी।
झोली भर देती, जय माता दी।
संकट हर लेती, जय माता दी।
ओ जय माता दी, जय माता दी।।
2) कहीं मेरी नजर ना लगे मेरी मैया ..
किवें सज धज के मां बैठी हो,
कहीं मेरी नजर ना लगे मेरी मैया......
लाल गुलाब के फूलों से कितना तुम्हें सजाया है,
महक रहा दरबार तुम्हारा कितना इत्तर लगाया है,
तुम कितनी प्यारी प्यारी हो कहीं मेरी......
रोली का तिलक लगा करके मंद मंद मुस्कराती हो,
तारों की चुनरी ओढ़ के मैया भक्तों के घर जाती हो,
तुम कितनी प्यारी प्यारी हो कहीं मेरी......
आज तेरे दरबार में मां गूंज रहा है जैकारा,
तूभी आयी भक्त भी आए बोलन तेरा जयकारा,
तुम कितनी प्यारी प्यारी हो कहीं मेरी......
3) मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
भरते हैं यहां दामन, कोई जाता ना खाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
निराली है, निराली है, निराली है, निराली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है......
जिसे दुनिया ठुकराए, उसे मैया अपनाए,
जो शरण में आ जाए, तो रोज दिवाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है.....
यह अद्भुत
धाम तेरा, यहां भक्तों का डेरा,
अपने भक्तों की मैया, करती रखवाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है......
बिन मांगे ही पूरी, हर ख्वाहिश होती है,
यहां सारे मिट जाते, आती खुशहाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
निराली है, निराली है, निराली है, निराली है....
4) अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये,
मैंने सोने का टीका बनवाया,
लेकिन मइया को पसन्द नहीं आया,
उसको तो फूलों का टीका पसन्द आया,
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये,
मैंने सोने के कंगन बनवाये
लेकिन मइया को पसन्द नहीं आये
उनको तो फूलों के कंगन पसन्द आये
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये।
मैंने सोने का हार बनवाया
लेकिन मइया को पसन्द नहीं आया
उसको तो फूलों का हार पसन्द आया
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये।
मैंने सोने की तगड़ी बनवायी
लेकिन मइया को पसन्द नहीं आयी
उसको तो फूलों की तगड़ी पसन्द आयी
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये।
5) लेके पूजा की था ली
लेके पूजा की थाली ज्योत मन की जगा ली,
तेरी आरती उतारू भोली मां,
तू जो देदे सहारा सुख जीवन का सारा,
तेरे चरणों पे वारु भोली मां,
ओ मां ओ मां..
धूल तेरे चरणों की लेकर माथे तिलक लगाया,
यही कामना लेकर मइयां द्वारे तेरे आया,
रहूं मैं तेरा होके तेरी सेवा में खो के सारा जीवन गुजारु देवी मां,
तू जो दे दे सहारा सुख जीवन का सारा तेरे चरणों पे वारु देवी मां,
सफल हुआ ये जन्म के मैं था जन्मो से कंगाल,
तूने भक्ति का धन देके कर दिया मालामाल,
रहे जब तक ये प्राण करूं तेरा ही ध्यान नाम तेरा पुकारू भोली मां,
तू जो दे दे सहारा सुख जीवन का सारा तेरे चरणों पे वारु देवी मां।