Shardiya Navratri 2025: 22 या 23 कब से शुरू हो रहे हैं नवरात्र, जानें तिथियों की संख्या और कलश स्थापना का सही मुहूर्त

Shardiya Navratri 2025: ये त्योहार हर साल अश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। इस साल इसकी शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार इस साल मां दुर्गा का आगमन कई शुभ संयोगों में रहा है। त्योहार में इस बार एक दिन की वृद्धि भी हो रही है।

अपडेटेड Sep 20, 2025 पर 11:24 AM
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मां के भक्तों को इस साल उनका विशेष आशीर्वाद मिलेगा, क्योंकि इस साल नवरात्र में एक दिन की वृद्धि हो रही है।

Shardiya Navratri 2025: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्र का समय बहुत पवित्र और अलोकिक ऊर्जा प्रदान करने वाला माना जाता है। नौ दिनों के दौरान लोगों की आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा बेहतरीन स्तर पर होती है। माना जाता है कि मां दुर्गा जब कैलाश से अपने भक्तों के बीच आती हैं, तो उनके जीवन से दुख, तकलीफ और नकारात्मकता को समाप्त कर देती हैं। ये पर्व अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो कर महानवमी और फिर विजयादशमी के साथ 10वें दिन समाप्त हो जाता है। इस साल की त्योहार की शुरुआत सोमवार, 22 सितंबर से हो रही है।

9 साल बाद 10 दिनों के नवरात्र

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, मां के भक्तों को इस साल उनका विशेष आशीर्वाद मिलेगा, क्योंकि इस साल नवरात्र में एक दिन की वृद्धि हो रही है। यानी इस साल शारदीय नवरात्र नौ नहीं 10 दिनों के होंगे और 11वें दिन विजयादशमी के साथ इसका समापन होगा। ये अद्भुत संयोग लगभग 9 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 2016 में भी नवरात्रि 10 दिनों की हुई थी।

ग्रह-नक्षत्रों का उत्तम योग

इस बार 22 सितंबर को नवरात्र की शुरुआत ग्रह और नक्षत्रों के उत्तम योग में हो रही है। इस बार मां के आगमन के समय मंगल तुला राशि में होंगे, शुक्र सिंह राशि में, सूर्य कन्या राशि में, राहु कुंभ में, केतु सिंह में, गुरु कर्क में औ शनि मीन राशि में रहेंगे। इसके अलावा, नवरात्र के पहले दिन हस्त नक्षत्र के साथ ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। पंचांग के अनुसार कलश स्थापना शुक्ल योग में की जाएगी।

गजवाहन पर आएंगी जगतजननि मां अम्बे


शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा का आगमन इस बार हाथी पर होगा। कहा जाता है कि गजवाहन पर माता की सवारी बहुत शुभ होती है। इस दिन हाथी पर आने का अर्थ है कि कृषि, व्यापार और पारिवारिक जीवन में लाभ और सकारात्मक बदलाव आएंगे।

दो दिन होगी चतुर्थी

पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र में इस बार चतुर्थी तिथि में वृद्धि हो रही है। चतुर्थी तिथि 25 सितंबर से शुरू होगी और 26 सितंबर को भी रहेगी। 26 सितंबर को सूर्योदय के पश्चात प्रात: काल 6:48 बजे तक चतुर्थी होने के कारण उदयातिथि में 26 को भी चतुर्थी का मान होगा। चतुर्थी तिथि के दोनों दिन मां दुर्गा के कूष्माण्डा रूप की पूजा होगी।

कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

22 सितंबर को कलश स्थापना की जाएगी। इस दिन हस्त नक्षत्र के साथ शुक्ल योग, ब्रह्म योग और सर्वार्थसिद्धि योग का अद्भुत संयोग मिल रहा है। इसलिए ये दिन कलश स्थापना के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से लेकर 8 बजे तक है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.49 बजे से दोपहर 12.38 मिनट तक है।

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First Published: Sep 20, 2025 11:13 AM

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