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Surya Grahan 2025 पितृ पक्ष के अंतिम दिन 21 सितंबर को होगा, भारत में नहीं दिखेगा

Surya Grahan 2025: ग्रहण धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से अहम होते हैं। हाल में खबर आई थी कि साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण 2 अगस्त को होगा। मगर, इसके उलट ये पितृ पक्ष के अंतिम दिन 21 सितंबर को होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा।

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 21, 2025 पर 11:03 PM
Surya Grahan 2025 पितृ पक्ष के अंतिम दिन 21 सितंबर को होगा, भारत में नहीं दिखेगा

साल का अंतिम सूर्य ग्रहण पितृ पक्ष के अंतिम दिन रविवार, 21 सितंबर को होगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा। ज्योतिष शास्त्र में इस संयोग को दुर्लभ माना जाता है। आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस बार पितृ पक्ष की तिथि 21 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा व दान करने की परंपरा है। माना जाता है कि इस अवधि में पितृ शांति के लिए किए गए कार्यों से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हालांकि, इससे पहले 2 अगस्त को साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण होने की खबर आई थी।

इस दिन सूर्य ग्रहण होने से इस तिथि का विशेष महत्व हो जाता है। मगर यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। हमारे यहां दिखाई नहीं देने से ग्रहण का सूतक काल यहां लागू नहीं होगा। अत: इस दिन अन्य दिनों की तरह मंदिर खुले रहेंगे, पूजा-पाठ और पितरों का दान-तर्पण कार्य होगा। इस बार का सूर्य ग्रहण बुध ग्रह की कन्या राशि में और उत्तरी फाल्गुनी नक्षत्र में होगा। ग्रहण भले भारत में दिखाई न दे, लेकिन इसका प्रभाव राशियों, देश-दुनिया की घटनाओं और मौसम आदि पर होता है।

बता दें कि, वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है। यह तब होती है जब सूरज और धरती के बीच चंद्रमा आ जाता है, जिससे पृथ्वी पर पहुंचने वाले सूर्य की किरणें बाधित हो जाती हैं। सूर्य ग्रहण दुनियाभर के साइंटिस्ट और रिसर्चर के लिए सूरज से संबंधित स्टडी करने का सुनहरा मौका होता है। इस दौरान वे सूर्य के कोरोना पर रिसर्च करते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस दौरान धरती की ग्रेविटेशनल फोर्स में बदलाव आता है, जिससे समुद्र में टाइडल वेव्स उठती हैं। इस संबंध मानव शरीर पर पड़ने वाले असर पर कई रिसर्च हुए हैं। इसमें से कुछ में कहा गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ लोगों के थकान, चिंता या चिड़चिड़ापन जैसी दिक्कतें होती हैं।

ज्योतिष में भी इसका विशेष स्थान है, क्योंकि ग्रहण का प्रभाव 12 राशियों के साथ ही देश और दुनिया की घटनाओं और मौसम पर भी होता है। इस दौरान ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति के जीवन में घटने वाली घटनों का पता चलता है।

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