हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ अत्यंत पवित्र माना गया है। इसे भगवान विष्णु का स्वरूप और पितरों का प्रतीक समझा जाता है। मान्यता है कि पीपल की नियमित पूजा से जीवन में सुख, शांति और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है। लोग पितृ पक्ष में पीपल के नीचे तर्पण और दान करके अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करते हैं। लेकिन यही पवित्र वृक्ष जब घर की दीवार में उग आए तो इसका अर्थ बदल जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दीवार में पीपल का पेड़ निकलना अशुभ संकेत माना जाता है।
ये न केवल घर की नींव को कमजोर कर सकता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश भी बढ़ा सकता है। इसे पितरों की नाराज़गी या पितृ दोष का भी संकेत माना जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि घर में उगे पीपल के पौधे से कैसे निपटें और इसके दोष का निवारण कैसे करें।
घर की दीवार पर पीपल क्यों उगता है?
पीपल के बीज पक्षियों के जरिए दीवारों की दरारों में गिर जाते हैं और इसकी गहरी जड़ें तेजी से फैल जाती हैं। ये न केवल दीवार को कमजोर करती हैं बल्कि वास्तु दोष का कारण भी बन सकती हैं।
पितृ पक्ष में विशेष महत्व
पितृ पक्ष के समय पीपल को पितरों का प्रतीक माना जाता है। घर की दीवार पर पीपल उगना कई बार असंतुष्ट पितरों का संकेत माना जाता है, जो परिवार में आर्थिक हानि, कलह और स्वास्थ्य समस्याओं ला सकता है।
अशुभ प्रभाव और नकारात्मक ऊर्जा
वास्तु शास्त्र के मुताबीक, दीवार पर पीपल का उगना घर की ऊर्जा को प्रभावित करता है। ये नकारात्मक प्रभाव बढ़ाता है और परिवार के सदस्यों के जीवन में परेशानियां पैदा कर सकता है।
पीपल का पेड़ पवित्र है, इसलिए इसे काटना अशुभ माना जाता है।
छोटे पौधे को मिट्टी समेत निकालकर किसी मंदिर या खुले स्थान पर रोप दें।
अगर पेड़ बड़ा हो गया है तो किसी विशेषज्ञ माली की मदद से जड़ समेत स्थानांतरित करें।
स्थान को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
वास्तु दोष दूर करने के उपाय
पीपल स्थानांतरण के बाद घर में हवन, मंत्र जाप और विष्णु पूजा करें।
दीवार की दरारों को सीमेंट से ठीक करें ताकि दोबारा पौधा न उगे।
नियमित रूप से तुलसी पूजा और दीपक जलाकर सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें।
पितृ पक्ष में पीपल के नीचे तर्पण, पिंडदान और दान करने से पितृ दोष शांत होता है।