Amol Muzumdar Story: 'चक दे इंडिया' के कबीर खान की याद दिलाते हैं कोच अमोल मजूमदार

Women's ODI World Cup Win: हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने रविवार को फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला विश्व कप खिताब जीता। पीएम नरेद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमिताभ बच्चन, करीना कपूर खान, काजोल समेत विभिन्न हस्तियों ने आईसीसी विश्व कप जीतने पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम को बधाई दी

अपडेटेड Nov 03, 2025 पर 2:48 PM
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Women's ODI World Cup Win: महिला वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बाद हरमनप्रीत कौर ने अमोल मजूमदार के पैर छुए

Women's ODI World Cup 2025 Win: लगभग पांच दशक के इंतजार के बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जब पहली बार विश्व कप थामा तो खिलाड़ियों के साथ पूरा देश खुशी से झूम उठा। लेकिन वहीं मैदान पर खड़े एक इंसान की आंखों में आंसू, चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ संतोष का भाव था मानो यह जीत कई पुराने जख्मों पर मरहम लगा गई। यह थे भारतीय महिला टीम के कोच अमोल मजूमदार...। घरेलू क्रिकेट में 20 सत्र और 11,000 से अधिक फर्स्ट कैटेगरी रन बनाने के बावजूद भारत की जर्सी पहनने का उनका सपना अधूरा ही रहा। बतौर खिलाड़ी कई बार दिल टूटा, कई मलाल रह गए। लेकिन इस जीत ने उनके सफर को मुकम्मिल कर दिया।

कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जीत के बाद 'गुरू' मजूमदार के पैर छूए और गले लगकर रो पड़ी। इस दौरान टीवी के आगे नजरे गड़ाए जीत का जश्न देख रहे हर क्रिकेटप्रेमी की आंख भी भर आई। इसी महीने अपना 51वां जन्मदिन मनाने जा रहे मजूमदार की कहानी शाहरूख खान की फिल्म 'चक दे इंडिया' के हॉकी कोच कबीर खान की याद दिलाती है जो हर कयास को गलत साबित करके टीम को विश्व कप दिलाता है। यह जीत उसके अतीत के कई घावों पर मरहम भी लगा जाती है। जीत मिलने के बाद वह जश्न के बीच अपने भीतर जज्बात के तूफान को समेटने की कोशिश करता नजर आता है। लेकिन चेहरे पर सुकून साफ दिखाई देता है।

न्यूज एजेसी पीटीआई के मुताबिक मजूमदार ने फाइनल में जीत के बाद कहा, "मैं उनसे (भारतीय खिलाड़ियों) यही कहता था कि हम हार नहीं रहे हैं। बस उस बाधा को पार करने से चूक जा रहे हैं। हम उन तीनों मैचों (लीग चरण में दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ मैच) में काफी प्रतिस्पर्धी रहे और ये सभी मैच काफी करीबी थे।"


दो साल पहले टीम के कोच बने मजूमदार की नजरें हमेशा से इस विश्व कप पर थी। लेकिन तब यह असंभव सा लग रहा था, क्योंकि भारतीय महिला क्रिकेट कठिन दौर से गुजर रहा था। खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं थी। लेकिन नतीजे नहीं मिल रहे थे। पिछले पांच साल में रमेश पोवार, डब्ल्यू वी रमन और फिर पोवार कोच रह चुके थे। रमन के कार्यकाल में भारत आस्ट्रेलिया में 2020 में टी20 विश्व कप के फाइनल में जरूर पहुंचा। लेकिन उसके अलावा वैश्विक स्पर्धाओं में निराशा ही हाथ लगी।

यही नहीं टीम के भीतर गुटबाजी, विश्वास की कमी और अनुशासनहीनता की भी खबरें गाहे बगाहे आ रही थी। मजूमदार के आने से पहले करीब 10 महीने तक भारतीय टीम के पास पूर्णकालिक कोच नहीं था। पोवार को दिसंबर 2022 में हटा दिया गया था। बीच में रिषिकेश कानिटकर तथा नूशीन अल कादिर अंतरिम तौर पर काम देख रहे थे।

सबसे पहले उन्होंने अपनी टीम का भरोसा जीता। सभी खिलाड़ियों से स्पष्ट संवाद रखा। अच्छे प्रदर्शन पर पीठ थपथपाई तो बुरे दौर में साथ खड़े दिखे। आलोचनाओं के बीच अपने खिलाड़ियों के लिए ढाल बनकर खड़े नजर आए। यहीं से नींव पड़ी विश्वास के ऐसे रिश्ते की जिसकी परिणिति विश्व कप ट्रॉफी के रूप में 'गुरूदक्षिणा' के साथ हुई।

टीम को किया एकजुट

पूरे टूर्नामेंट में टीम एकजुट नजर आई। खिलाड़ी एक दूसरे की सफलता का जश्न मनाते और कठिन दौर में एक दूसरे का सहारा बने दिखे। एक चैम्पियन टीम बनने के लिए आखिर पहली शर्त को यही होती है। बतौर खिलाड़ी भी मजूमदार ने अपने हुनर का लोहा मनवाया था। नब्बे के दशक में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय अंडर 19 टीम के उपकप्तान रहे मजूमदार को 'नया तेंदुलकर'’ कहा जाने लगा था। तेंदुलकर की ही तरह शारदाश्रम स्कूल में रमाकांत आचरेकर के शिष्य रहे मजूमदार ने 1994.95 में भारत ए के लिये राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली के साथ खेला।

लेकिन भारत के लिए खेलने का सपना पूरा नहीं हो सका। जबकि उनके समकालीन तेंदुलकर, द्रविड़ और गांगुली भारतीय क्रिकेट के लीजैंड बन गए। मुंबई टीम के दिग्गजों में से रहे मजूमदार बाद में वह असम और आंध्र के लिये भी खेले। मुंबई के लिए 1993.94 रणजी सत्र में पदार्पण करने वाले मजूमदार ने हरियाणा के खिलाफ 260 रन बनाये थे जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण पर सबसे बड़ी पारी का विश्व रिकॉर्ड था। बाद में इसे 2018 में अजय रोहेरा ने तोड़ा।

कौन हैं मजूमदार?

मुंबई टीम के मुख्य कोच रह चुके मजूमदार राजस्थान रॉयल्स, भारत की अंडर 19 और अंडर 23 टीमों , नीदरलैंड क्रिकेट टीम और भारत दौरे पर दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच रह चुके हैं। कोच कबीर खान ने विश्व कप फाइनल मुकाबले से पहले मशहूर '70 मिनट' वाली स्पीच दी थी।

वहीं, मजूमदार ने अपने खिलाड़ियों से सिर्फ इतना कहा कि इतिहास रचने के लिए बस एक रन अधिक बनाना है। टीम पर विश्वास इतना कि ग्रुप चरण में लगातार तीन हार के बावजूद किसी खिलाड़ी पर ठीकरा नहीं फोड़ा। लगातार कहते रहे कि टूर्नामेंट लंबा है और टीम अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी। उनकी 15 जांबाज खिलाड़ियों ने अपने कोच के हर भरोसे को सही साबित कर दिखाया।

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