भारतीय टीम ने एशिया कप के 6वें मुकाबले में पाकिस्तान को 7 विकेट से कारारी शिकस्त दी। दोनों टीमों के बीच ये मुकाबला दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला गया था। मैच जीतने के बाद भारतीय टीम ने पाकिस्तान के किसी भी खिलाड़ी से हाथ नहीं मिलाया और ड्रेसिंग रूम का दरवाजा बंद कर दिया। वहीं मैदान पर पाकिस्तान की टीम भारतीय टीम का इंतजार करते रह गई। सोशल मीडिया पर इस घटना की काफी चर्चा हो रही है। अब इस बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय टीम ने पाकिस्तान की टीम से हैंडशेक क्यों नहीं किया।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि मैच के बाद हाथ मिलाना सिर्फ शिष्टाचार होता है। लेकिन अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद हालात सामान्य नहीं थे, इसलिए भारतीय खिलाड़ियों पर हाथ मिलाने की कोई मजबूरी नहीं थी।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट ने सोशल मीडिया पर उठे विरोध के बीच बैठक की थी। इसमें मुख्य कोच गौतम गंभीर और सीनियर खिलाड़ियों ने चर्चा कर यह तय किया कि मैच के दौरान भारतीय खिलाड़ी हाथ नहीं मिलाएंगे। यह फैसला सोच-समझकर और काफी विचार करने के बाद लिया गया था।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, "अगर आप रूल बुक देखेंगे तो उसमें विरोधी टीम से हैंडशेक का कोई अनिवार्य रूल नहीं है। यह सिर्फ एक सद्भावना और परंपरा है, जिसे खेल जगत में सम्मान के तौर पर निभाया जाता है, कोई कानून नहीं। चूंकि ये कोई रूल या कानून नहीं है, इसलिए भारतीय टीम पर यह दबाव नहीं डाला जा सकता कि वह उस विरोधी टीम से हाथ मिलाए, जिसके साथ उसके रिश्ते हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं।"
टॉस के वक्त भी नहीं मिलाए हाथ
बता दें कि टॉस के वक्त भी सूर्या ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा से नजरें तक नहीं मिलाई और न ही हाथ मिलाया। ये सिलसिला पूरे मैच चलता रहा। टीम शीट सीधे मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को सौंप दी गई। पाकिस्तान टीम के मैनेजर नावेद चीमा ने उर्दू में बयान जारी कर दावा किया कि पाइक्रॉफ्ट ने ही उनके कप्तान सलमान अली आगा को सूर्यकुमार यादव से हाथ न मिलाने की सलाह दी थी।