IND vs SA: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच गुवाहाटी के बारसापारा स्टेडियम में खेला जा रहा है। 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में साउथ अफ्रीका की टीम 1-0 से आगे हैं। मुकाबले में आज चौथा दिन का खेल खेला गया। भारत के लिए चौथा दिन कुछ खास नहीं रहा। साउथ अफ्रीका के 549 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम ने चौथे दिन के अंत तक सिर्फ 15.5 ओवर में 2 विकेट खोकर मात्र 27 रन बनाई। भारत को इस सीरीज को बराबरी करने और क्लीन स्वीप से बचने के लिए 522 रनों की जरुरत है। बता दें कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका ने भारत को 30 रन से हराया था।
भारत पर क्लीन स्वीप का खतरा
साउथ अफ्रीका ने दूसरी पारी 260/5 पर घोषित किया और भारत को एक बेहद कठिन लक्ष्य दे दिया। जवाब में भारत ने दिन खत्म होने तक 27 पर दो विकेट गंवा दिए। ओपनर यशस्वी जायसवाल सिर्फ 13 रन बनाकर मार्को जेनसन की गेंद पर आउट हुए। कुछ ही देर बाद केएल राहुल भी 6 रन पर साइमन हार्मर की गेंद पर पवेलियन लौट गए। स्टंप्स तक साई सुदर्शन 2 रन पर और नाइटवॉचमैन कुलदीप यादव 4 रन पर टिके रहे। भारत को जीत के लिए अभी 522 रनों की जरुरत है। अब सीरीज में 0-2 से क्लीन स्वीप से बचने के लिए भारत के बाकी बल्लेबाजों को असाधारण संघर्ष दिखाना होगा।
दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में शानदार बैटिंग करते हुए साउथ अफ्रीका ने 489 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम केवल 201 रन ही बना सकी। अफ्रीकी टीम ने फॉलोऑन न देने का फैसला किया और दूसरी पारी में 5 विकेट पर 260 पर अपनी इनिंग्स डिक्लेयर कर दी थी। दूसरी पारी में सुबह के सत्र में भले ही रवींद्र जडेजा (4/62) और वाशिंगटन सुंदर (1/67) ने जल्दी दो विकेट निकालकर भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई हो, लेकिन उसके बाद ट्रिस्टन स्टब्स (94 रन, 180 गेंद) और टोनी डी जोरजी (49 रन, 68 गेंद) ने संभलकर खेलते हुए 101 रन की पार्टनरशिप की। टोनी डी जोरजी के आउट होने के बाद स्टब्स ने वियान मुल्डर (35) के साथ भी 82 रन जोड़कर टीम का स्कोर और आगे बढ़ाया।
अब तक कोई भी टीम नहीं कर पाई है चेज
टेस्ट क्रिकेट में आज तक कोई टीम 418 रन से बड़ा लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल नहीं कर पाई है। एशियाई हालात में तो किसी भी टीम ने चौथी पारी में 400 से ऊपर का स्कोर चेज नहीं किया है। टेस्ट इतिहास का सबसे बड़ा सफल चेज वेस्टइंडीज ने 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 418 रन बनाकर किया था। भारत की बात करें तो टीम पिछले 45 सालों में घरेलू मैदान पर सिर्फ एक बार ही ऐसी स्थिति में 95 ओवर से ज्यादा टिक पाई है। ऐसे आंकड़े साफ बताते हैं कि इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करना लगभग असंभव जैसा होता है।