भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल किसी परिचय के मोहताज नहीं है। भारत ने इस युवा क्रिकेटर अपनी बेहतरीन खेल से हर किसी को अपना फैंन बना लिया है। टेस्ट टीम के कप्तान के साथ-साथ शुभमन गिल टी20 में भारतीय टीम के उप-कप्तान भी है। शुभमन गिल के सफल खिलाड़ी बनने के लिए काफी बचपन से ही कड़ी मेहनत की है। हाल ही में टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने अपने बचपन के दिनों से जुड़ा एक अहम किस्सा शेयर किया है। शुभमन गिल ने बताया की कैसे उनके पिता ने उनके क्रिकेट सीखाने के लिए मेहनत की। गिल ने ये भी बताया कि उनको क्रिकेट अकादमी से निकाल दिया गया था।
शुभमन गिल ने पहली बार क्रिकेट बैट तीन साल की उम्र में थामा था। उस समय उनके पिता देर रात तक क्रिकेट मैच देखते थे। उस समय वह टीवी पर खिलाड़ियों को देखकर उनकी नकल करने की कोशिश किया करते थे।
खेत बना पहला प्रैक्टिस ग्राउंड
एप्पल म्यूजिक पॉडकास्ट में शुभमन गिल ने बताया कि उनके परिवार का खेत ही उनका पहला प्रैक्टिस ग्राउंड था। उनके पिता खेत के मजदूरों से उन्हें गेंदबाजी करने को कहते थे और अगर वे उन्हें आउट कर देते तो उन्हें इनाम भी देते थे। जैसे-जैसे घंटे बढ़ते गए, बल्लेबाजी उनके स्वभाव का हिस्सा बना दिया। सात साल की उम्र में उनके पिता ने परिवार को बेहतर सुविधाओं और अवसरों की तलाश में चंडीगढ़ शिफ्ट करने का बड़ा फैसला लिया। यह कदम साहसिक जरूर था, लेकिन इसी ने गिल के जीवन की दिशा बदल दी।
शुभमन गिल की क्रिकेट यात्रा में कई मुश्किलें भी आईं। एक बार कोच से विवाद होने के कारण उन्हें चड़ीगड़ के क्रिकेट अकादमी से निकाल दिया गया, लेकिन उनके पिता ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद ही प्रैक्टिस की योजना बनाई और गिल को रोज सुबह तीन बजे उठाकर स्कूल जाने से पहले प्रैक्टिस करवाई। शुभमन गिल ने यही से डिसिप्लिन सिखा और अब ये उनके खेल का अहम हिस्सा बन गया। टेस्ट टीम में कम उम्र के कप्तान बनने के रिकॉर्ड पर शुभमन गिल ने इसका पूरी क्रेडिट अपने पिता को दिया था। गिल ने कहा, "वह मेरे पहले कोच और मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थे। उनके त्यागों के बिना मैं आज यहां तक कभी नहीं पहुंच पाता।"