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'यह मेरे लिए नहीं बल्कि हर देशवासी के लिए है', दोहा में 90 मीटर का बैरियर पार करने पर नीरज चोपड़ा

Neeraj Chopra 90 meter Throw: नीरज ने कहा कि, 'मुझे जो कुछ भी हासिल करना था, वह अब हो चुका है। 90 मीटर का आंकड़ा पार करना था जो हासिल हो चुका है और बहस खत्म हो चुकी है। अब जब तक मैं खेलूंगा, मैं अपने देश को गौरवान्वित करता रहूंगा

Translated By: Abhishek Guptaअपडेटेड May 17, 2025 पर 3:12 PM
'यह मेरे लिए नहीं बल्कि हर देशवासी के लिए है', दोहा में 90 मीटर का बैरियर पार करने पर नीरज चोपड़ा
ओलिंपियन नीरज चोपड़ा ने 90 मीटर के जादुई आंकड़े को भी पार कर लिया हैं

Neeraj Chopra: दो बार के ओलिंपियन नीरज चोपड़ा ने एक और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है। 16 मई को दोहा डायमंड लीग में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में उन्होंने 90 मीटर के जादुई आंकड़े को भी पार कर लिया। नीरज चोपड़ा यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे एशियाई बन गए। दोहा में प्रतियोगिता समाप्त होने के कुछ ही देर बाद भारतीय प्रशंसकों ने उन्हें घेर लिया था जो उनका समर्थन करने के लिए बाहर आए थे। बोरिया मजूमदार ने लिखा तभी मेरे सहयोगी अभिजीत देशमुख ने चैंपियन से मुलाकात की। वे डायमंड लीग के लिए दोहा में अकेले भारतीय पत्रकार थे और पहला सवाल स्पष्ट रूप से 90 मीटर के निशान वाला था।

हालांकि इस प्रतियोगिता में नीरज अपने बेस्ट थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहें। जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91.06 मीटर के थ्रो के साथ पहले स्थान पर रहें।

'मुझसे ज्यादा यह भारत के लिए है 90 मीटर का यह थ्रो'

नीरज ने इसका खूबसूरती से जवाब दिया, 'मुझे लग रहा था कि अब ये होने वाला है । मुझसे ज्यादा यह भारत के लिए है। मैं कई बार 88 या 89 मीटर थ्रो के साथ इसके करीब आ गया था, लेकिन 90 मीटर का निशान पार नहीं हो पाया। आखिरकार यह हो गया और मुझे यकीन है कि आने वाले समय में इससे भी बेहतर थ्रो होंगे। सीजन अभी शुरू हुआ है और चीजें और बेहतर होंगी।

बोरिया मजूमदार लिखते है ये नए नीरज हैं। कहीं ज्यादा शांत, संयमित और खुद के साथ सहज। उनके लिए पेरिस ओलंपिक कठिन दौर था। प्रतियोगिता में सबसे पसंदीदा के रूप में भाग लेना, 89.34 मीटर के अपने क्वालीफिकेशन थ्रो और फिर सिल्वर मेडल। नीरज के साथ बहुत से लोगों के लिए ये अप्रत्याशित था। पेरिस ओलंपिक के बाद चर्चा थी कि नीरज को सर्जरी की आवश्यकता है। उन्होंने जल्दबाजी नहीं की और ब्रेक लेने का फैसला किया। ब्रेक के दौरान वह जान जेलेजनी के पास गए, एक ऐसे व्यक्ति जो अपने करियर में 52 बार 90 मीटर से ज्यादा का थ्रो फेंक चुके हैं।

नीरज ने बताया, 'उन्होंने मेरी तकनीक में कुछ छोटे-मोटे बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा कि हमें कुछ बड़ा करने की जरूरत नहीं है, इसलिए हम बेहतर चीजों पर काम कर रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि उनके साथ और हमारे द्वारा किए जा रहे इन छोटे-मोटे बदलावों के साथ, चीजें यहां से बेहतर ही होंगी।'

नीरज की खेल भावना के कायल है सभी एथलीट

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