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Email Tips: ईमेल में CC और BCC का सही इस्तेमाल कैसे करें? जानें प्रोफेशनल टिप्स

Email Tips: आज के समय में Email का यूज ज्यादा बढ़ गया है। ऑफिस, कॉलेज समेत कई प्रोफेशनल जगहों पर इसके बिना काम होना मुश्किल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईमेल में लिखे गए CC और BCC का क्या मतलब होता है? अगर नहीं तो हम आज आपको इसके बारे में जानकारी देंगे।

Edited By: Ashwani Kumar Srivastava
अपडेटेड Oct 08, 2025 पर 10:38
Email Tips: ईमेल में CC और BCC का सही इस्तेमाल कैसे करें? जानें प्रोफेशनल टिप्स

CC का पूरा नाम Carbon Copy है। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब आप एक ही ईमेल को मुख्य प्राप्तकर्ता (main recipient) के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति को भी भेजना चाहते हैं। जैसे मान लिजिए अगर आपको अपने बॉस को कोई रिपोर्ट भेजना है, साथ ही उस रिपोर्ट को मैनेजर के पास भी फॉरवर्ड करना है। ऐसे में आप मैनेजर को CC में डाल सकते हैं।

मुख्य व्यक्ति (To में लिखा नाम) और CC में जो भी लोग हैं दोनों को ईमेल की एक ही कॉपी मिलती है। सब लोग देख सकते हैं कि ईमेल किस-किस को भेजी गई है। इसका सीधा मतलब है कि CC पारदर्शी (visible) कॉपी होती है जिसे सब प्राप्तकर्ता देख सकते हैं।

वहीं, BCC का मतलब होता है Blind Carbon Copy। नाम से यह भले ही CC जैसा लगे, लेकिन इसका इस्तेमाल थोड़ा अलग तरीके से किया जाता है। जब आप किसी को ईमेल भेजते हैं और चाहते हैं कि कुछ लोग उस मेल की कॉपी देखें, मगर बाकी लोगों को इसके बारे में पता न चले, तो उन्हें BCC सेक्शन में जोड़ा जाता है।

उदाहरण के तौर पर, अगर आप किसी कंपनी की ओर से एक ही ईमेल कई क्लाइंट्स को भेजना चाहते हैं, लेकिन नहीं चाहते कि एक क्लाइंट दूसरे का ईमेल पता देख सके, तो सभी क्लाइंट्स को BCC में डालें। इस तरह हर किसी को मेल मिलेगा, लेकिन कोई नहीं जान पाएगा कि मेल और किन लोगों को भेजा गया है। यानी BCC एक तरह की गोपनीय या हिडन कॉपी होती है।

कई लोग ईमेल भेजते समय सभी को To या CC में डाल देते हैं जिससे सभी ईमेल एड्रेस सबके सामने आ जाते हैं, जो की सही नहीं है। यह न सिर्फ प्रोफेशनल एटीकेट के खिलाफ है बल्कि प्राइवेसी का उल्लंघन भी है। खासतौर पर जब भी आप किसी ऑफिस, स्कूल या क्लाइंट लिस्ट को मेल भेज रहे हों तो हमेशा सोच-समझकर तय करें कि आपको किसे CC में रखना है और किसे BCC में।

ईमेल में CC और BCC दोनों का इस्तेमाल जानकारी शेयर करने और गोपनीयता बनाए रखने के लिए होता है। फर्क बस इतना है कि CC ट्रांसपैरेंट कॉपी है और BCC हिडेन। जो लोग इन दोनों का सही इस्तेमाल करना जान जाते हैं, वे न केवल प्रोफेशनल ईमेल करने में माहिर हो जाते हैं, बल्कि अपनी ऑनलाइन प्राइवेसी और इमेज दोनों को सुरक्षित रख सकते हैं।

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