Apple: साल 2025 एपल के लिए थोड़ा मुश्किल भरा रहा है। ऐसा लगता है कि कंपनी AI की दौड़ में बाकी कंपनियों से पिछड़ती जा रही है। यही वजह है कि चीन में आईफोन की बिक्री लगातार घट रही है जिससे कंपनी के CEO पर काफी दबाव है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दबाव के बावजूद एपल के सीईओ टिम कुक अपना पद छोड़ने नहीं वाले हैं। 64 साल के टिम कुक लंबे समय से एपल के सीईओ हैं। रिपोर्ट के अनुसार AI को लेकर एपल की गलतियों, स्लो इनोवेशन और इसके प्रोडक्ट सेंट्रिक कल्चर के खत्म होने के बावजूद भी कुक कंपनी के बोर्ड के लिए अभी भी नॉर्थ स्टार बने हुए हैं।
कुक के सबसे करीबी सहयोगी और एपल के COO जेफ विलियम्स इस साल रिटायर हो रहे हैं। कंपनी के अगले हेड को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं होने और उनके अपने उत्तराधिकारी तैयार करने के किसी प्लान के न होने के कारण कुक की एपल पर पकड़ आने वाले सालों तक बनी रहने की संभावना है। वैसे इसके पीछे की एक बड़ी वजह ये भी है कि कुक के नेतृत्व में ही एपल का बाजार पूंजीकरण बढ़ा है और कंपनी दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी है।
कंपनी में होंगे कई अंदरूनी बदलाव
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी में अंदरूनी लेवल पर कई बदलाव होने वाले है। कई प्रमुख कार्यकारी अधिकारी उम्रदराज हो रहे हैं। कुक के साथ काम करने वाले आधे सीनियर एम्प्लॉई 60 की उम्र पार कर चुके हैं। CFO लुका मेस्त्री भी अपना पद छोड़ रहे हैं, और डैन रिकिओ पहले ही बाहर हो चुके हैं। मार्केटिंग हेड ग्रेग जोसवियाक और ऐप स्टोर बॉस फिल शिलर भी जल्द ही कंपनी से किनारा कर सकते हैं। वही सर्विसेज के प्रमुख एडी क्यू इंटर्नली ये वार्निंग दे रहे हैं, कि अगर जल्दी बदलाव नहीं हुए तो एपल अगला ब्लैकबेरी बन सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इन समस्याओं से निपटने के लिए एपल धीरे-धीरे नेतृत्व में बदलाव कर रहा है। हाल ही में ये घोषणा हुई कि सबीह खान कंपनी के सीओओ का पद संभालेंगे। हालांकि उन्हें कंपनी के शीर्ष पड़ सीईओ के लिए उपयुक्त नहीं माना जा रहा है।
कौन हो सकता है Apple का अगला CEO?
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कुक का कोई उत्तराधिकारी हो सकता है, तो वह कंपनी के हार्डवेयर प्रमुख जॉन टर्नस हो सकते हैं। वह यंग हैं, उन्हें कंपनी में दशकों का अनुभव हैं, और उनके पास 'Product Guy' का टैग है। ये सब वे बातें है जो कई लोगों का मानना है कि अगले सीईओ के लिए जरूरी है। हालांकि, टर्नस के पास कंपनी के ऑपरेशन और वित्तीय अनुभव की कमी है। इसका मतलब ये है कि अगर उन्होंने CEO का पद संभाला तो उन्हें एक मजबूत टीम की आवश्यकता होगी।