AI for Roads: अक्सर आपने देखा होगा की भारी बरसात के कारण सड़कों पर गड्ढा हो जाता है या फिर सड़कें टूट जाती हैं। जिसके कारण लोगों को आवागमन में तो परेशानी होती ही है, साथ में सड़क हादसे भी बढ़ जाते हैं। लेकिन क्या हो अगर सड़कों के टूटने या इनमें गड्ढे होने से पहले ही अलर्ट मिल जाए। इससे ना सिर्फ लोग दूसरा रूट ले सकते हैं, बल्कि लोगों की लाइफ पर भी रिस्क नहीं होगा। ये सुनने में भले ही आपको थोड़ा अजीब लगे लेकिन ऐसी टेक्नोलॉजी पर तेजी से काम किया जा रहा है, जल्द ही AI भारत की सड़कों को बनाने, देखभाल करने और इनको मैनेज करने के काम को पूरी तरह से बदल देगी। अब आइए जानते हैं कि यह AI तकनीक कैसे काम करेगी और आमजन को इससे क्या फायदा होगा?
वर्चुअल मॉडल में पता लग जाएगी कमजोरी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल ट्विन्स नाम की एक टेक्नोलॉजी है जिससे इंजीनियर पूरी सड़क का वर्चुअल मॉडल बना सकते हैं। यह मॉडल ट्रैफिक और सड़क की कमजोरी का पहले से एनालिसिस कर लेता है। सॉफ्टवेयर सड़क की खराबी को पहले ही पकड़ लेंगे। इतना ही नहीं, उसे ठीक करने के तरीके भी बताएंगे। NHAI ने अपने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम में पहले ही AI का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जिससे सड़क निर्माण की क्वालिटी की जांच होती है।
यहां हो रहा है AI तकनीक का इस्तेमाल
बता दें कि भारत के कुछ शहरी क्षेत्रों में सड़को की देखभाल और ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए AI पहले से काम कर रहा है। पुणे में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और बेंगलुरु का ऐडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम इसका उदाहरण है। ये सिस्टम ट्रैफिक को समझकर सिग्नल को अपने आप कंट्रोल करते हैं, जिससे जाम की समस्या से मुक्ती मिलती है।
वहीं, सड़क निर्माण कार्य में ड्रोन और GPS का इस्तेमाल भी हो रहा है। सड़क मंत्रालय ने AI-MC नाम का एक सिस्टम शुरू किया है, जो ड्रोन और सेंसर की मदद से सड़क निर्माण को बेहतर बनाता है। उदाहरण के तौरान पर देखें तो बिहार में AI का इस्तेमाल कर 12000 से ज्यादा पुलों और 743 ब्रिजों की जांच की गई है। यह तकनीक खराब सड़कों को ढूंढकर उसकी मरम्मत का सुझाव देती है।
AI से सुधर सकती हैं ग्रमीण इलाकों की सड़कें
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें आज भी खराब हैं। KPMG की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर AI से सड़कों की देखभाल की जाए तो खर्च 30% तक ऑटोमेटिक कम हो जाएगा और सड़कों की लाइफ भी बढ़ जाएगी। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में अभी भी 70% सड़कों की जांच पुराने तरीकों से होती है, जैसे कि कागजी रिकॉर्ड और Manual Inspection से। यदि ग्रामीण इलाकों की सड़कों के लिए भी AI का इस्तेमाल किया जाए, तो सड़कों की हालत पहले के मुकाबले काफी सुधर सकती है।
AI से घट सकती है सड़क हादसों की संख्या
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में हर साल 1.5 लाख से ज्यादा लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवाते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इंटेलिजेंट सिस्टम से इमरजेंसी रिस्पांस टाइम (IRT) 60% तक कम हो सकता है और Traffic Efficiency 30% तक बढ़ सकती है। AI से कार्बन उत्सर्जन को मापने, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कॉरिडोर बनाने और मजबूत डिजाइन बनाने में मदद मिल सकती है।