यूट्यूब लाइव कंटेट पर फोकस बढ़ाने जा रहा है। इसमें स्पोर्ट्स, कॉमेडी से लेकर अवॉर्ड शोज तक शामिल होंगे। यूट्यूब की इंडिया में मैनेजिंग डायरेक्टर गुजंन सोनी ने यह बताया। उन्होंने कहा कि हम लाइव को यूटयूब का बड़ा हिस्सा बनते देख रहे हैं। कंपनी की यह स्ट्रेटेजी इंडिया में कंज्यूमर्स के लिए खुद को 'नया टेलीविजन' के रूप में पेश करने की कोशिश का हिस्सा है।
कनेक्टेड टीवी की बीते 5 सालों में जबर्दस्त ग्रोथ
कनेक्टेड टीवी पिछले पांच सालों में YouTube के लिए सबसे तेजी से बढ़ने वाली स्क्रीन रहा है। यूट्यूब ने बताया है कि अप्रैल 2025 में इंडिया में कनेक्टेड टीवी का इस्तेमाल करने वाले 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को संख्या 7.5 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई। इसमें से आधे से ज्यादा लोगों का कंटेंट पर बिताया गया समय 21 मिनट या इससे ज्यादा है।
ऑस्कर्स की ग्लोबल स्ट्रीमिंग का राइट्स हासिल किया
इस हफ्ते की शुरुआत में गूगल के इस वीडियो प्लेटफॉर्म ने ऑस्कर्स का एक्सक्लूसिव ग्लोबल स्ट्रीमिंग राइट्स हासिल किया। इसे हॉलीवुड का सबसे अहम इंवेट माना जाता है। यूट्यूब ने यह राइट्स पांच साल के लिए हासिल किया है, जिसकी शुरुा 2029 में होगी। इससे 70 सालों से ज्यादा समय से ब्रॉडकॉस्ट टेलीविजन पर ऑस्कर्स के आने का सिलसिला थम जाएगा।
स्क्रीन के पीछ चलने वाले एक्टिविटी को भी फीचर करेगा
ऑस्कर्स समारोह की फ्री स्ट्रीमिंग के अलावा स्क्रीन के पीछे चलने वाले रेड कॉर्पेट कवरेज को भी फीचर करेगा। वह ऑस्कर्स नॉमिनेशन अनाउनंसमेंट नॉमिनेशन की भी स्ट्रीमिंग करेगा। लाइव कल्चरल इवेंट्स से जुड़े इस तरह के सप्लमेंटरी कंटेंट से यूटयूब को लंबी अवधि के व्यूअर्स हासिल करने में मदद मिलेगी।
लाइव इवेंट्स पर आधारित कंटेंट में बड़े मौके
सोनी ने कहा, "क्रिकेट का उदाहरण लिया जा सकता है। हालांकि, लाइव एक्शन सीधे यूट्यूब पर नहीं होता है, लेकिन फैंस की संख्या बढ़ती है क्योंकि टीम यूट्यूब पर अपने कंटेंट तैयार करती हैं और बातचीत के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं। हम दूसरे तरह के लाइव कंटेंट में भी यह चीज देख रहे हैं। यह किसी इवेंट के आईपी का एक्सटेंशन हो सकता है। इसमें सीन के वीडियो के पीछे चलने वाले कई कंटेंट्स होते हैं।"
फिल्ड डिस्ट्रिब्यूशन का विकल्प बनने की तैयारी
उन्होंने बताया, "यह ठीक ऐसा है कि आप कुछ लाइव करें, और इवेंट शुरू होने से पहले रोमांच का माहौल बनाना शुरू कर दें। यह शॉर्ट फॉर्म और लॉन्ग फॉर्म दोनों तरह के वीडियो में हो सकता है। हम लाइव इवेंट्स पर आधारित मजेदार आईपी बनते देख रहे हैं।" यूट्यूब भारत में प्रोडक्शन हाउसेज और स्टूडियोज के लिए डिस्ट्रिब्यूशन का विकल्प बनने की भी कोशिश कर रही है।
घर के लिविंग रूप में बैठकर देख सकेंगे नई फिल्में
यूट्यूब की इंडिया चीफ ने बताया कि इंडिया में मूवी इंडस्ट्री शानदार और काफी ज्यादा वॉल्यूम प्रोड्यूस करती है। लेकिन, देश का थिएटर इंफ्रास्ट्रक्चर रिलीज के इस वॉल्यूम और उपलब्ध मार्केट साइज से तालमेल नहीं बैठा सका है। सोनी ने कहा कि हम अपने प्लेटफॉर्म के लार्ज डिस्ट्रिब्यूशन के लिए कई तरह से तैयार करना चाहते हैं। इससे उन लोगों को अपने लिविंग रूम स्क्रीन पर कंटेंट देखने का मौका मिल सकेगा, जिनकी पहुंच फिजिकल स्क्रीन तक नहीं है।