भारत की वो रहस्यमयी झीलें जो मौसम संग बदलती हैं अपना कलर, एक बार जरुर बनाएं घूमने का प्लान
भारत में कई झीलें ऐसी हैं जो मौसम के अनुसार अपना रंग और रूप बदलती हैं। तापमान, खनिज, शैवाल और सूरज की रोशनी की वजह से इनका रंग बदलता रहता है। ये झीलें देखने में बहुत खूबसूरत लगती हैं और इनके पीछे दिलचस्प प्राकृतिक कहानियां छिपी होती हैं।
भारत में कई ऐसी जगहें है जहां पर कई प्रकृति का अनोखा मेल देखने को मिलता है। भारत में कई झीलें ऐसी हैं जो साल के अलग-अलग मौसम में अपना कलर और रूप बदल लेती हैं। ये झीलें देखने में बहुत खूबसूरत लगती हैं और इनके पीछे दिलचस्प प्राकृतिक कहानियां छिपी होती हैं। रंग बदलने वाली ये झीलें फोटोग्राफरों के लिए किसी सपने जैसी जगह होती हैं। ये झीलें तापमान, पानी में मौजूद खनिज, शैवाल और सूरज की रोशनी जैसे कारणों की वजह से इनका रंग बदलता रहता है। आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में।
पैंगोंग त्सो झील, लद्दाख
लद्दाख में करीब 14,270 फीट की ऊंचाई पर स्थित पैंगोंग त्सो झील भारत की सबसे फेमस कलर चेंज करने वाली झील मानी जाती है। ये झील भारत से लेकर तिब्बत तक फैली है और अपने खूबसूरत नीले पानी के लिए जानी जाती है। ये झील दिनभर में कई शेड्स लेता है, सुबह हल्के फिरोजी से लेकर शाम को गहरे नीले रंग तक। इसका रंग सूरज की रोशनी, पानी में मौजूद खनिजों और झील की साफ-सुथरी ग्लेशियर जैसी सतह की वजह से बदलता रहता है। शायद इसी वजह से पैंगोंग त्सो को “प्रकृति की मूड रिंग” भी कहा जाता है।
पैंगोंग त्सो घूमने का सबसे अच्छा समय मई से सितंबर के बीच है, जब झील में बर्फ नहीं होती है।
महाराष्ट्र की लोनार झील
महाराष्ट्र की लोनार झील करीब 50,000 साल पहले एक उल्कापिंड के धरती से टकराने पर बनी थी। यह झील एक बड़े बेसाल्टिक क्रेटर के बीच स्थित है। ये झील अपने रंग बदलने की खूबसूरती के लिए जानी जाती है, ये झील कभी हरे-नीले तो कभी गुलाबी रंग में नजर आती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि झील के पानी की क्षारीयता में बदलाव और कुछ खास तरह के सूक्ष्मजीवों व शैवाल के बढ़ने से इसका रंग बदलता है। साल 2020 में जब यह झील गुलाबी हो गई थी, तब इसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था।
लोनार झील घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है, जब मौसम ठंडा और सुहावना रहता है। अगर आप झील को गुलाबी रंग में देखना चाहते हैं, तो मई के आखिर या जून में जाना सबसे बेहतर रहेगा।
सिक्किम की त्सोमगो
सिक्किम की त्सोमगो या चांगू झील, जो 12,400 फीट की ऊंचाई पर है ये झील मौसम के साथ अपना रंग बदलने के लिए जानी जाती है। सर्दियों में यह बर्फ से ढक जाती है, वसंत में नीले-हरे रंग में चमकती है और गर्मियों में आसपास की हरियाली को खूबसूरती से दिखाती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इसके रंग देवताओं के मूड के अनुसार बदलते हैं, जो इसे और भी रहस्यमय और आकर्षक बनाता है।
त्सोमगो झील घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून है, जब इसके रंग सबसे खूबसूरत दिखते हैं। बर्फ से ढकी झील देखने के लिए दिसंबर से फरवरी का समय सबसे अच्छा होता है।
जम्मू-कश्मीर की मानसबल झील
जम्मू-कश्मीर की मानसबल झील को घाटी की सबसे गहरी मीठे पानी की झील है। इसे “कश्मीर का गहना” भी कहा जाता है। वसंत में इसका रंग हरा और गर्मियों में नीला दिखता है। वसंत में इसका रंग पन्ना हरा और गर्मियों में कोबाल्ट नीले मे बदल जाता है। झील में शैवाल और पेड़ों के प्रतिबिंब से इसके रंग बदलते हैं। गर्मियों के अंत में पानी थोड़ा भूरा हो जाता है, और इस समय झील पर प्रवासी पक्षियों की चहल-पहल इसे और खूबसूरत बना देती है।
इसे देखने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर है, जब मौसम सुहावना रहता है और झील सबसे खूबसूरत लगती है।
हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी
हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में 14,000 फीट ऊंचाई पर स्थित चंद्रताल झील, जिसे “चांद झील” भी कहा जाता है। ये झील अपने बदलते रंगों के लिए मशहूर है। सुबह इसका पानी क्रिस्टल जैसा नीला, दोपहर में पन्ना हरा और शाम को गहरा नीला हो जाता है। सूरज की रोशनी और ग्लेशियर के खनिज पानी से ये रंग बदलते हैं। सूखे पहाड़ों के बीच यह झील बेहद शांत और खूबसूरत दिखती है।
चंद्रताल झील घूमने का सबसे अच्छा समय जून के आखिर से सितंबर तक है, जब मौसम साफ रहता है और रास्ते खुले होते हैं।
मणिपुर की लोकटक झील
मणिपुर की लोकटक झील पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है, जो “फुमडीज” नाम के तैरते द्वीपों के लिए फेमस है। बारिश में इसका रंग नीला और सर्दियों में हरा दिखता है। ऊपर से ये झील किसी खूबसूरत पेंटिंग जैसी लगती है। यही झील दुनिया के एकमात्र तैरते नेशनल पार्क 'केइबुल लामजाओ' का घर है, जहां दुर्लभ संगाई हिरण रहते हैं।
लोकटक झील घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च है, जब मौसम ठंडा और साफ रहता है। इस दौरान झील बेहद खूबसूरत दिखती है और प्रवासी पक्षियों को देखने का बढ़िया मौका मिलता है।