Rajasthan: राजस्थान शहर अपने खूबसूरती और शानदार नजारों के लिए जाना जाता है। राजस्थान की असली खूबसूरती सिर्फ टूरिस्ट प्लेस में ही नहीं बल्कि यहां कि गांवों की गलियों, रेगिस्तानी कस्बों, मेलों और प्राचीन किलों में भी बसती है। यहां के त्योहार सिर्फ देखने में ही नहीं बल्कि इसे आप खुद को कनेक्ट कर सकते हैं। राजस्थान की कलरफुल गीत, जोशीले नृत्य, धार्मिक रस्में और हस्तशिल्प इन उत्सवों को और खास बना देते हैं। अगर आप राजस्थान की संस्कृति को करीब से जानना चाहते हैं, तो यहां के मेलों में घूमना, यहां के खानें और शिल्प की कार्यशालाओं में शामिल होना बेहतरीन तरीका है।
सिंगिंग सैंड्स हेरिटेज फेस्टिवल
इस अक्टूबर में 275 साल पुराना डुंडलोद किला एक बार फिर सिंगिंग सैंड्स हेरिटेज फेस्टिवल का आयोजन करेगा। दो दिन चलने वाला ये उत्सव लोक संगीत, कहानियों, हवेली भ्रमण, शिल्प प्रदर्शन और घुड़सवारी सब कुछ देखने को मिलता है। यहां लोग मोरचंग, भपंग, नगाड़ा और खड़ताल जैसे वाद्ययंत्र सीख सकते हैं। मारवाड़ी घोड़ा फार्म और हवेली संग्रहालय घूमने के बाद, शाम को खुले आसमान तले होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम इस अनुभव को और यादगार बना देते हैं।
हर साल दिसंबर में कुंभलगढ़ किले में तीन दिन का सांस्कृतिक उत्सव मनाया जाता है, जिसमें लोक संगीत, घूमर और कालबेलिया नृत्य, कठपुतली शो और शिल्पकला की झलक मिलती है। कारीगर कपड़े, गहने और मिट्टी के बर्तन डिसप्ले करते हैं। शाम होते ही किला रोशनी और साउंड शो से जगमगा उठता है, जो अरावली की गोद में मेवाड़ की कहानी सुनाता है।
नवंबर में होने वाला कोटा-बूंदी उत्सव हाड़ौती की संस्कृति को करीब से जानने का मौका देता है। इसमें लोक संगीत, नृत्य, कठपुतली शो और कारीगरों की कला देखने को मिलती है। पर्यटक पगड़ी बांधने, पारंपरिक खेलों, किलों-हवेलियों की सैर और स्थानीय पकवानों का स्वाद लेकर राजस्थान की असली झलक महसूस कर सकते हैं।
मार्च में बाड़मेर का थार उत्सव रेगिस्तानी जीवन की असली तस्वीर पेश करता है। यहां लोक संगीत, ऊंट दौड़, ब्लॉक प्रिंटिंग और हैंडीक्राफ्ट देखने के साथ-साथ पर्यटक वर्कशॉप और कल्चरल प्रोग्राम में हिस्सा ले सकते हैं। इसका पारंपरिक माहौल और सुहावना मौसम इसे खास अनुभव बना देते हैं।