भारतीय सीमा की चौकसी सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक प्रतिज्ञा है, देश की हर सांस की सुरक्षा की। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) इस जिम्मेदारी की पहली लाइन है, और हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसके 16 वीर जवानों ने जो साहस दिखाया, वह हमेशा भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
इन जवानों को उनके अद्वितीय शौर्य और कर्तव्यनिष्ठा के लिए गैलेंट्री मेडल से नवाजा गया है। आइए उनके मिशन, साहस और बलिदान के बारे में जानते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर (7-8 मई 2025) के तहत भारत के सटीक हमलों के बाद, पाकिस्तान ने जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ चौकियों पर भारी गोलीबारी की। BSF ने कठिन इलाकों, कम दृश्यता और दुश्मन की भारी गोलाबारी के बीच इस मिशन को अंजाम दिया।
गैलेंट्री मेडल केवल एक धातु का टुकड़ा नहीं, बल्कि उसमें वो पहचान छिपी होती है जिसे कोई भी जवान अपने खून-पसीने और जान की बाजी लगाकर हासिल करता है। ये मेडल पाना मतलब है देश ने आपकी वीरता को अमर मान लिया।
BSF सिर्फ सीमा की सुरक्षा नहीं करती, बल्कि आतंकियों के घुसपैठ प्रयास, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी तथा दुश्मन की जासूसी गतिविधियों को नाकाम करती है। ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे ताजा उदाहरण है।
इस मिशन के दौरान जवानों को दलदल, घने जंगल, ऊबड़-खाबड़ इलाकों और कठिन मौसम से जूझना पड़ा, लेकिन उनके कदम कभी नहीं डगमगाए।
पुरस्कृत जवानों में BSF के अलग-अलग रैंक के योद्धा शामिल हैं—
- डिप्टी कमांडेंट रविंद्र राठौर – अभियान का सूझबूझ से नेतृत्व किया
- असिस्टेंट कमांडेंट अभिषेक श्रीवास्तव – मोर्चे पर निर्णायक हमले का संचालन
- सब इंस्पेक्टर व्यास देव – खतरे के बीच साथियों को सुरक्षित निकाला
- इंस्पेक्टर उदय वीर सिंह – दुश्मन के ठिकानों को खत्म करने में अहम भूमिका
कुल 16 जवानों को इस मेडल से नवाजा गया है जो बड़े गर्व की बात है।
कई जवानों ने गोलियों की बौछार के बीच आगे बढ़ते हुए दुश्मन को घेरा। एक गलती जान ले सकती थी, लेकिन उन्होंने धैर्य और कौशल से स्थिति पर काबू पाया। सभी जवानों के परिवार के लिए यह खुशी और गर्व की बात है।
सभी 16 जवानों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गैलेंट्री मेडल प्रदान किए गए। समारोह में उनके समर्पण की सराहना पूरे देश ने की।