Covid-19 Case: महाराष्ट्र में 86 नए मामले, कर्नाटक में शनिवार को 2 और मौतें; क्या पावरफुल हो रहा है इनफेक्शन
कर्नाटक में शनिवार को कोविड से संबंधित 2 और मौतें दर्ज की गईं, जिससे राज्य में कुल मौतों की संख्या बढ़कर 9 हो गई। शनिवार को कर्नाटक ने कोविड के 57 नए मामले दर्ज किए, जिससे इस साल सामने आए कुल मामलों की संख्या 894 हो गई
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी से अब तक कोविड-19 के कुल 16,226 नमूनों की जांच की है।
देश में कोविड-19 के 769 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही कोविड के एक्टिव मामलों की संख्या 6,133 पर पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, उसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली का स्थान है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटों में 753 मरीज ठीक या डिस्चार्ज हो चुके हैं।
देश में इस साल 1 जनवरी के बाद से कोविड-19 से संबंधित 65 लोगों की मौत होने की सूचना है। कुल 6 नई मौतें हुई हैं, जिनमें से 3 केरल, 2 कर्नाटक, 1 तमिलनाडु में हुई है। एक दिन पहले खबर आई थी कि मध्य प्रदेश में एक 45 वर्ष की उम्र की और 9 महीने की फुल टर्म गर्भवती महिला की मौत की खबर है। बताया गया है कि महिला की प्रसव के दौरान तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में मौत हो गई। उसे दौरे पड़ने लगे थे और बाद में उसका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया।
कर्नाटक में 2 और मौतें
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कर्नाटक में शनिवार को कोविड से संबंधित 2 और मौतें दर्ज की गईं, जिससे राज्य में कुल मौतों की संख्या बढ़कर 9 हो गई। बल्लारी के 46 वर्षीय व्यक्ति और बेलगावी के 78 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है। 46 वर्षीय पुरुष कोर पल्मोनेल, पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन से पीड़ित था। वहीं 78 वर्षीय पुरुष को इस्कीमिक हार्ट डिजीज थी। स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में कहा गया है कि दोनों का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया था। शनिवार को कर्नाटक ने कोविड के 57 नए मामले दर्ज किए, जिससे इस साल सामने आए कुल मामलों की संख्या 894 हो गई।
पश्चिम बंगाल में 71 नए मामले
पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस इनफेक्शन के 71 नए मामले सामने आए हैं और वर्तमान में राज्य में उपचाराधीन मामलों की संख्या 693 है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि नए मामलों में शनिवार से सामने आए मामले शामिल हैं और इस अवधि के दौरान बीमारी के कारण किसी की मौत नहीं हुई। राज्य में कोरोना के 53 मरीज ठीक भी हुए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में स्थिति नियंत्रण में है। इन मामलों में मरीजों को हल्के लक्षण हैं।
महाराष्ट्र में 86 नए मामले
खबर है कि महाराष्ट्र में शनिवार को कोविड के 86 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही, राज्य में जनवरी से अब तक इनफेक्टेड हुए लोगों की संख्या बढ़कर 1362 हो गई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नए मामलों में से 31 पुणे शहर में और दो ग्रामीण इलाकों में, 28 मुंबई में, 7 पुणे के पास पिंपरी चिंचवाड़ टाउनशिप में, 6 ठाणे में, 4 छत्रपति संभाजीनगर में, 3 नागपुर में, 2 मीरा भायंदर में, एक-एक सातारा, कोल्हापुर और सांगली में पाए गए।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी से अब तक कोविड-19 के कुल 16,226 नमूनों की जांच की है, जिनमें से 1,362 लोग कोविड से इनफेक्टेड पाए गए। जनवरी से अब तक मुंबई में कोविड के कुल 640 मामले सामने आए हैं। इनमें से 634 मामले अकेले मई के महीने में दर्ज किए गए। जनवरी 2025 से अब तक कुल 18 मरीज संक्रमण के कारण दम तोड़ चुके हैं, जिनमें से 17 अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे।
कोविड-19 के मामलों में हाल ही में आई तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने ओडिशा सरकार से वायरस के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए उपाय बढ़ाने को कहा है। राज्य में पिछले 24 घंटों में 7 नए मामले सामने आए, जिससे शनिवार को कुल मामलों की संख्या 45 हो गई। शनिवार तक 12 मरीज ठीक हो चुके थे और फिलहाल 33 लोगों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार अस्पताल में आने वाले सांस की गंभीर बीमारी के सभी मामलों और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के कम से कम 5 प्रतिशत मामलों की कोविड जांच सुनिश्चित करें।
वर्ष 2022 में कोविड से 86.5 लाख मौतें
2022 के दौरान कोविड से भारत में लगभग 86.5 लाख लोगों की मौत हुईं। वर्ष 2021 में कोविड से हुई 1.02 करोड़ से अधिक लोगों की मौत की तुलना में यह आंकड़ा 15 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट को दर्शाता है। नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के एक नए आंकड़े से यह जानकारी मिली। वर्ष 2021 के मुकाबले मौतों की संख्या में 15.74 लाख की गिरावट ने मृत्यु दर के आंकड़ों को मोटे तौर पर 2020 में देखे गए प्री-पैनडेमिक पैटर्न के अनुरूप ला दिया है।
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने पीटीआई से कहा, "कोरोनावायरस के कारण होने वाला संक्रमण हर गुजरते साल के साथ कमजोर हो रहा है। यह (अब) मात्र श्वसन संबंधी एक और बीमारी है और फ्लू से कम खतरनाक है। यह अब चिंता का विषय नहीं है।" हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय के 'त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज' में जीव विज्ञान और स्वास्थ्य अनुसंधान के डीन अनुराग अग्रवाल ने कहा, ठइसके सभी उप स्वरूप एक जैसे हैं, जो अत्यधिक संक्रामक लेकिन कमजोर हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधी क्षमता अत्यंत कमजोर है वे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं लेकिन अधिकतर लोगों, खासकर पहले संक्रमित हो चुके या टीके लगवा चुके लोगों को अधिक खतरा नहीं है।