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Plane Crash: विमान टकराया, 1000 डिग्री हुआ तापमान, कुत्ते-पक्षी तक राख, इंसानों का नाम-ओ-निशान मिटा

Air India Plane Crash: SDRF की टीम दोपहर 2 बजे से 2.30 बजे के बीच बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और डॉक्टरों के रिहायशी क्वार्टरों में पहुंची, जहां विमान क्रैश हुआ था। इससे पहले, स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों को जिंदा निकाला, लेकिन SDRF की टीमों को कोई भी जिंदा नहीं मिला। एक फायर ब्रिगेड ऑफिसर ने बताया, जैसे ही विमान के फ्यूल टैंक में धमाका हुआ, एक भयंकर आग लग गई

अपडेटेड Jun 13, 2025 पर 9:08 PM
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Air India Plane Crash: विमान टकराया, 1000 डिग्री हुआ तापमान, कुत्ते-पक्षी तक राख

गुरुवार को अहमदाबाद में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद वह एक रिहायशी इलाके में क्रैश हो गई। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें सिर्फ एक यात्री जिंदा बच पाया। बाकी सभी – यात्री, क्रू मेंबर, छात्र, डॉक्टर – सब हमेशा के लिए खामोश हो गए। जहां विमान गिरा, वहां आग इतनी भयानक थी कि तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। कोई चीख तक न निकाल सका। आसपास के कुत्ते और पक्षी तक उस लपट से नहीं बच पाए। राहत और बचाव टीमों को सिर्फ राख और जले हुए मलबे मिले।

एक SDRF अधिकारी ने जो कहा वो सुन कर रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने बताया कि वो ये ही भूल चुके हैं कि उन्होंने कितने शव निकाले। घटनास्थल पर पक्षियों और कुत्तों तक के जले हुए शव मिले। उन्होंने कहा, "हादसा इतना भीषण और तेज हुआ कि पक्षियों और कुत्तों तक को बचने का समय नहीं मिला।"

पूरे इलाके में पसरा खौफनाक सन्नाटा


जहां विमान गिरा, वहां बीजे मेडिकल कॉलेज का हॉस्टल और डॉक्टरों के क्वार्टर थे। छात्रों, डॉक्टरों और उनके परिवारों के कई लोग इस हादसे का शिकार हो गए। 265 शवों को सिविल अस्पताल लाया गया, लेकिन कई की पहचान करना मुमकिन नहीं हो सका। DNA टेस्ट से पहचान की कोशिश हो रही है।

SDRF के एक जवान की आंखें नम थीं, जब उसने कहा, "हमने कई हादसे देखे हैं, लेकिन ऐसा मंजर कभी नहीं देखा। बच्चों के शव उठाए, पर पहचानना भी मुश्किल था।"

कोई जिंदा नहीं मिला

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, SDRF की टीम दोपहर 2 बजे से 2.30 बजे के बीच बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और डॉक्टरों के रिहायशी क्वार्टरों में पहुंची, जहां विमान क्रैश हुआ था। इससे पहले, स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों को जिंदा निकाला, लेकिन SDRF की टीमों को कोई भी जिंदा नहीं मिला।

एक फायर ब्रिगेड ऑफिसर ने बताया, "जैसे ही विमान के फ्यूल टैंक में धमाका हुआ, एक भयंकर आग लग गई। तापमान बहुत जल्द ही 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इससे किसी को भी बचने का मौका नहीं मिला।"

रेस्क्यू में लगे SDRF के जवान ने कहा, "हम लोग PPE किट पहन कर आए थे, लेकिन जैसे ही यहां पहुंचे तो एहसास हुआ कि तापमान इतना था कि हमें काम करना बहुत मुश्किल हो गया था। हर तरफ सुलगता हुआ मलबा।"

उन्होंने आगे बताया, "हमने सबसे पहले इस सुलगते मलबे को हटाया और लोगों को निकलना शुरू किया। हमारी टीम ने 25-30 शव निकाले।"

ईंधन बना मौत की वजह

गृहमंत्री अमित शाह ने बताया, "विमान में 1.25 लाख लीटर फ्यूल था, जो हादसे के बाद विस्फोट बन गया। इसी वजह से कोई बाहर नहीं निकल सका।" आग ने सब कुछ जला डाला0 सपने, शरीर और साया।

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