US Attacks Iran: क्या अमेरिका ने ईरान पर हमला करने के लिए भारतीय एयरस्पेस का इस्तेमाल किया? जानें क्या है सच्चाई

US Attacks Iran News: अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर रविवार (22 जून) को बमबारी की। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने जवाबी कार्रवाई की तो वे और हमले करेंगे। अब भारत ने रविवार को कुछ सोशल मीडिया हैंडल के उन दावों को फर्जी बताकर खारिज किया जिनमें कहा गया था कि अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने ईरान के खिलाफ हमले करने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया

अपडेटेड Jun 23, 2025 पर 8:21 AM
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US Attacks Iran News: भारत ने रविवार को सोशल मीडिया हैंडल के दावों को फर्जी बताकर खारिज कर दिया

US Attacks Iran News: सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने ईरान के परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमले के दौरान भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर रविवार (22 जून) को बमबारी की। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने जवाबी कार्रवाई की तो वे और हमले करेंगे। अब भारत ने रविवार को कुछ सोशल मीडिया हैंडल के उन दावों को फर्जी बताकर खारिज किया जिनमें कहा गया था कि अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने ईरान के खिलाफ हमले करने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया।

PIB फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, "कई सोशल मीडिया अकाउंट ने दावा किया है कि ऑपरेशन ‘मिडनाइट हैमर' के दौरान ईरान के खिलाफ हमलों के लिए अमेरिका ने भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया। यह दावा फर्जी है।"

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत काम करने वाले पत्र सूचना कार्यालय (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने कहा, "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान अमेरिका द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं किया गया।"


रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि रविवार तड़के ईरान के तीन प्रमुख प्रतिष्ठानों पर अमेरिका द्वारा बमबारी किए जाने के बाद इजराइल-ईरान संघर्ष एक निर्णायक चरण में एंट्री कर गया है। वहीं, उनमें से कुछ का यह भी मानना है कि वाशिंगटन की यह जिम्मेदारी थी कि वह सैन्य टकराव में शामिल नहीं हो।

भारत और ईरान के बीच पुराने सभ्यतागत संबंधों को रेखांकित करते हुए कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिका के शामिल होने से ईरान-इजरायल टकराव तेज होने के कारण द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है।

उन्होंने आगाह किया कि यदि तेहरान अमेरिकी हमलों के जवाब में होर्मुज जलडमरूमध्य (फारस की खाड़ी और अरब सागर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण जल मार्ग) को बंद करने का फैसला करता है, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

पीएम मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति से की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से बातचीत की। पीएम मोदी ने ईरान एवं इजरायल के बीच संघर्ष को लेकर भारत की ओर से गहरी चिंता जताई और तनाव को संवाद एवं कूटनीति के माध्यम से तत्काल कम करने की अपील की। फोन पेजेशकियान ने किया था। दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर अमेरिका द्वारा बमबारी किए जाने के कुछ ही घंटे बाद हुई।

पीएम मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने हाल में तनाव बढ़ने पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय शांति की शीघ्र बहाली वार्ता और कूटनीति से ही हो सकती है। पीएम मोदी ने कहा, "हमने मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। हाल में तनाव बढ़ने पर गहरी चिंता जताई।"

उन्होंने कहा, "हमने तनाव तत्काल कम करने की अपनी अपील दोहरायी। यह भी कि क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता बहाली संवाद और कूटनीति के जरिए ही हो सकती है।" प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि राष्ट्रपति पेजेशकियान ने प्रधानमंत्री मोदी को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, विशेष रूप से ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष पर अपना दृष्टिकोण शेयर किया।

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ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले से व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका उत्पन्न हो गई है। कई प्रमुख देशों और गुटों ने संयम बरतने का आह्वान किया है। पीएमओ ने कहा कि पीएम मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति को बताया कि भारत शांति और मानवता के पक्ष में है।

PMO ने कहा कि मोदी ने भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए दिए जा रहे निरंतर समर्थन के लिए पेजेशकियान को धन्यवाद दिया। पीएमओ ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार और आर्थिक सहयोग, विज्ञान और टेक्नोलॉजी तथा लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखने की साझा प्रतिबद्धता दोहरायी। दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Jun 23, 2025 8:19 AM

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