Blood Moon: आज रविवार को आसमान में एक अनोखा कुदरती नजारा देखने को मिलने वाला है। आज साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ये दुर्लभ संयोग आज 7 सितंबर को देखने को मिलेगा। ये एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जो सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा। आज रात का ये नजारा एशिया, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका और यूरोप के चुनिंदा क्षेत्रों में भी साफ तौर पर दिखाई देने वाला है। पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल रंग का चमकता गोला बन जाएगा, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। इस ब्लड मून को इस साल की सबसे बड़ी खगोलीय घटना माना जा रहा है।
ये ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा और इसे हाल के वर्षों के सबसे लंबे और व्यापक रूप से देखे जाने वाले चंद्र ग्रहणों में से एक माना जा रहा है। आइए जानते हैं भारत में कब और कहां पर इसे देख सकते हैं।
भारत में कब दिखेगा 'ब्लड मून'
सितंबर 2025 का पूर्ण चंद्रग्रहण कई घंटों तक देखा जा सकेगा। भारत में "ब्लड मून" यानी पूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात 11 बजे से शुरू होगा और 8 सितंबर रात 12:22 बजे तक चलेगा। ग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर को रात 8:58 बजे IST होगी, पूर्ण चरण यानी ब्लड मून का चरम 11:00 बजे से रात 12:22 बजे तक रहेगा और ग्रहण 8 सितंबर की रात 1:25 बजे समाप्त होगा। इस एक घंटे से अधिक समय तक चलने वाले पूर्ण चरण में चंद्रमा अपने सबसे गहरे लाल रंग में नजर आएगा। मार्च में हुए चंद्रग्रहण के बाद अब यह साल का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। खास बात यह है कि यह 2022 के बाद से सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा।
पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और उसकी गहरी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस समय चंद्रमा पूरी तरह काला नहीं दिखता, बल्कि गहरे लाल या तांबे रंग का नजर आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य की रोशनी को मोड़ देता है। छोटी तरंगदैर्ध्य (वेब लेंथ) वाले नीले और बैंगनी रंग वायुमंडल में छिटक जाते हैं, जबकि लंबी तरंगदैर्ध्य (वेब लेंथ) वाले लाल और नारंगी रंग चंद्रमा तक पहुंचते हैं। इस प्रक्रिया को रेले प्रकीर्णन कहा जाता है। जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है, तो वायुमंडलीय कण छोटे रंगों को चारों ओर फैला देते हैं और केवल लालिमा लिए हुए प्रकाश चंद्रमा तक पहुंच पाता है। इसी वजह से चंद्रमा ग्रहण के समय लाल चमक के साथ दिखाई देता है, जिसे हम ‘ब्लड मून’ कहते हैं।