Social Media Influencers: सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं रहा, आज के जनरेशन के लिए ये एक कमाई का जरिया भी बन गया है। खासकर Gen Z जनरेशन में यह ट्रेंड साफ दिख रहा है। इस जनरेशन को इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब वीडियो से शेयर मार्केट से लेकर खाना बनाने तक...सब कुछ ऑनलाइन सीखना पसंद है। भारत में सोशल मीडिया पर एक यूजर रोजाना औसतन 4 घंटे समय बिताता है और इंस्टाग्राम पर एक आम यूजर दिन में 20 बार आता है। इंटरनेट और सोशल मीडिया की आसान और सस्ती पहुंच ने भारत की क्रिएटर इकॉनमी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
मिलेगा इन सवालों का जवाब
लाखों युवा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट क्रिएशन के जरिए न केवल अपना करियर बना रहे हैं, बल्कि ब्रांड्स और बिजनेस के लिए भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन कंटेंट क्रिएशन और बिजनेस से पहले आपके मन में भी कई सवाल आते होंगे, जैसे - क्या नौकरी छोड़कर इंफ्लुएंसर बनने में फायदा है? क्या सोशल मीडिया को करियर के तौर पर अपनाया जा सकता है? क्या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनकर आप परमानेंट कमाई कर सकते हैं? और इस फिल्ड में कितनी चुनौतियां हैं....इन सारे सवालों का जवाब जानने हम सबसे पहले पहुंचे फेमस डी इंफ्लुएंसर दर्सित सिंह के पास। दर्शित उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और फूड से डिलेटेड कॉन्टेंट बनाते हैं। दर्शित के इंस्टा पेज पर 44 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
दर्शित ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए बताया कि, इन्फ्लुएंसर और डी इन्फ्लुएंसर बेसिक अंतर ये है जो सच है उसे दिखाना, ' किसी भी चीज की बस ब्रांडिग ना करना। एक क्रिटिकल अप्रोच के साथ चीजों को दिखाना।' फूड ब्लागिंग का वीडियो देखना तो हम सबको काफी पसंद है पर इन्हें बनाने में कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। और कई बार तो ये वीडियो कुछ लोगों को नाराज भी कर देते हैं। अपना एक अनुभव शेयर करते हुए दर्शित ने हमें बताया कि, 'एक बार उन्होंने मुरथल के एक रोस्टेरेंट की वीडियो बनाई। उस वीडियो के बाद उनको कुछ धमकी भरे मैसेज आने लगे कि आपने उनके खानों को लेकर बुराई कैसे कर दिया।' दर्शित को अंत में उस वीडियो को अपने सभी प्लेटफॉर्म से हटाना पड़ा।
करियर ऑपशन बन रहा कंटेंट क्रिएशन!
कंटेंट क्रिएशन को अब एक करियर ऑपशन के रुप में भी देखा जा रहा है। इसे लेकर दर्शित ने बताया कि, 'आप के मार्केटर के साथ कंटेंट क्रिएटर हो सकते हो, आप एक शेफ के साथ-साथ कंटेंट क्रिएटर हो सकते हो, आप कोई भी जॉब करने के साथ कंटेंट क्रिएशन कर सकते हो पर आप अपने करियर के शुरुआत में ही सिर्फ कंटेंट क्रिएटर नहीं बन सकते। एक बार कंटेंट क्रिएशन की दुनिया में अपने पांव जमाने के बाद आप फुल टाइम इस आगे बढ़ा सकते हैं पर करियर के शुरूआत में जॉब छोड़कर सिर्फ कंटेंट बनाने को मैं सही नहीं समझता।'
इस बात की नहीं है कोई गुंजाइश
सोशल मीडिया पर आजकल फिटनेस से जुड़े कॉन्टेंट काफी दिखते हैं। सोशल मीडिया पर फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स की एक लंबी कतार है और उनके फॉलोअर्स की संख्या उससे ज्यादा बड़ी है। फिटनेस रिलेटेड कंटेंट को समझने के लिए दिल्ली के आयुष चौधरी से। आय़ुष फिटनेस कोच के साथ ही साथ एक ग्रोइंग सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। आय़ुष, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फिटनेस से जुड़ा कंटेंट डालते हैं। उनके रील्स पर तीस लाख से ज्यादा व्यूज है। उन्होंने कंटेंट क्रिएशन कि दुनिया के बारे में अपने अनुभव को हमारे साथ शेयर किया और बताया कि, टाइफाइड होने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक सोशल मीडिया से दूरी बनानी पड़ी और उस दौरान मेरी रीच लगभग खत्म सी हो गई। टाइफाइड का असर मेरे बॉडी पर भी और मुझे अपने वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने के बारे में भी कई बार सोचना पड़ा। यानी कंटेंट क्रिएटर्स के पास स्पेस काफी कम होता है। फिटनेस इन्फ्लुएंसर के लिए सबसे बड़ी समस्या होती है फिजिक इन्फ्लेशन से लड़ना।'
भारत में इंफ्लुएंसर मार्केटिंग
भारत में इंफ्लुएंसर मार्केटिंग इंडस्ट्री हर साल 30% की दर से बढ़ रही है। देश में इस वक्त 35 लाख से ज्यादा कंटेंट क्रिएटर्स हैं। इनमें से 1.5 लाख से 1.7 लाख मोनेटाइज्ड हैं यानी वो कमाई कर रहे हैं। देश में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के मोनेटाइज्ड होने की रफ्तार भी 15-20% की दर से बढ़ रही है। भारत में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर 5 कैटेगरी में आते हैं। इसमें सबसे पहले नंबर पर नैनो इंफ्लुएंसर्स है जिनके 100 से 10000 फॉलोवर्स होते हैं। दूसरे नंबर पर माइक्रो इंफ्लुएंसर्स आते हैं, जिनके 10 हजार से 1 लाख तक फॉलोवर्स होते हैं। वहीं तीसरे नंबर पर मैक्रो इंफ्लुएंसर्स होते हैं जिनके 1 लाख से 10 लाख तक फॉलोवर्स होते है। चौथे नंबर पर मेगा इंफ्लुएंसर्स आते हैं इनके फॉलोवर्स की संख्या 10 लाख से ज्यादा होती है और इसके बाद आता है सेलिब्रिटीज का नंबर।
कितनी होती है कमाई
अब आते हैं कंटेंट क्रिएशन की दुनिया के सबसे अहम सवाल पर यानी मनी मैटर पर...रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स आमतौर पर 20 हजार से 2 लाख रुपए तक कमा रहे हैं. हालांकि सेलिब्रिटीज इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के 7-15 लाख रुपए और यूट्यूब पर 1 से 5 लाख रुपए तक कमाते हैं। एक लाख से कम फॉलोवर्स वालों की कमाई इंस्टाग्राम पर 20 से 50 हजार रुपए होती है, जबकि यूट्यूब पर ये 20 से 39 हजार रुपए कमाते हैं। दरअसल, कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आपके सब्सक्राइबर या फॉलोअर्स कितने हैं और आपका कॉन्टेंट कितने समय में कितना देखा जा रहा है।
देश में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग भी तेजी से बढ़ रही है, जिसकी वैल्यू 3,375 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। EY की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 12% क्रिएटर्स हर महीने 1 लाख से 10 लाख रुपए तक कमा रहे हैं, और अगले दो सालों में 86% क्रिएटर्स अपनी इनकम में बढोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।
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