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Covid-19 India Cases: भारत में कोरोना की दस्तक दोबारा! सावधानी जरूरी या घबराहट बेकार?

कोरोना में मामलों में हालिया बढ़ोतरी कई फैक्टर के चलते आई है। पिछले संक्रमण और वैक्सीनेशन से कम होती इम्यूनिटी एक बड़ी चिंता है। लोग, खासतौर से बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को समय के साथ कमजोर इम्यूनिटी के कारण फिर से संक्रमित होने का खतरा है। इसके अलावा, NB.1.8.1 जैसे नए सब-वेरिएंट के सामने आने के साथ ही ये भी साबित हो रहा है कि वायरस रूप बदल रहा है

अपडेटेड May 28, 2025 पर 12:53 PM
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Covid-19 India Cases: भारत में कोरोना की दस्तक दोबारा! सावधानी जरूरी या घबराहट बेकार?

भारत में COVID-19 मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में ज्यादातर केस नए वेरिएंट से सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार रात तक देश में 1,010 एक्टिव केस थे। तमिलनाडु के एक सैंपल में वायरस का एक नया सब-वेरिएंट, NB.1.8.1 पाया गया और विश्लेषण के लिए भारत के जीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम, INSACOG को भेजा गया। मामलों की कम संख्या के बावजूद, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है, और कई दूसरे देशों में इसी तरह के बढ़ते रुझान की ओर इशारा किया है।

कोरोना में मामलों में हालिया बढ़ोतरी कई फैक्टर के चलते आई है। पिछले संक्रमण और वैक्सीनेशन से कम होती इम्यूनिटी एक बड़ी चिंता है। लोग, खासतौर से बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को समय के साथ कमजोर इम्यूनिटी के कारण फिर से संक्रमित होने का खतरा है।

इसके अलावा, NB.1.8.1 जैसे नए सब-वेरिएंट के सामने आने के साथ ही ये भी साबित हो रहा है कि वायरस रूप बदल रहा है। NB.1.8.1 सब-वेरिएंट, JN.1 वंश का वंशज है। फिर भी, वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वायरस के इस बदलाव का सीधे तौर पर मरीजों की बीमारियों की गंभीरता कोई संबंध है।


इसके साथ ही एक बड़ा कारण बदलता मौसम भी है।

जैसे दूसरे सांस से जुड़े वायरस फैलते हैं, वैसे ही SARS-CoV-2 भी ठंड या ज्यादा नमी वाले मौसम में तेजी से फैलता है। भारत के कई शहरों में सर्दी-ज़ुकाम और फ्लू जैसे वायरल संक्रमण बढ़ गए हैं, जिससे लगता है कि मौसम COVID-19 के फैलने के लिए अनुकूल है।

वहीं मानसून जल्दी आने से नमी और बढ़ गई है। देश के कई हिस्सों में मानसून जल्दी आ गया है, जिससे हवा में नमी बढ़ गई है, और यह वायरस के फैलाव को बढ़ा सकता है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना को 'एंडेमिक' (स्थायी रूप से मौजूद) घोषित किए जाने के बाद जांच और जीनोम सीक्वेंसिंग में भारी कमी आई है। इसका मतलब है कि नए वेरिएंट और संक्रमण का समय पर पता नहीं चल पाता, जिससे वायरस चुपचाप फैल सकता है।

सार्वजनिक नियमों में ढील से वायरस फैलने की आशंका बढ़ी है। मास्क पहनने और सामाजिक दूरी जैसे नियमों में ढील दी गई है, जिससे खासकर कमजोर लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

दुनियाभर में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। सिंगापुर और दूसरे दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में COVID-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। मई की शुरुआत में सिंगापुर में संक्रमण लगभग 30% बढ़ गया।

हालांकि, भारत में संक्रमण कुछ इलाकों तक ही सीमित है। देश में अभी संक्रमण मुख्य रूप से कुछ राज्यों में ज्यादा है:

  • केरल: 43% एक्टिव केस
  • महाराष्ट्र: 21% एक्टिव केस
  • दिल्ली: 10% एक्टिव केस
  • गुजरात: 8% एक्टिव केस
  • तमिलनाडु: 7% एक्टिव केस

क्या Covid-19 से जुड़े हैं मौत के मामले?

19 मई के बाद महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में 6 मौतें हुई हैं, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि ये कोरोना से जुड़ी हैं या नहीं। आने वाले दो हफ्तों में जिन लोगों में लक्षण दिखते हैं, उनकी जांच बढ़ाई जाएगी ताकि संक्रमण पर नजर रखी जा सके।

दूसरी तरफ 60 साल से ऊपर के लोगों और पहले से बीमार लोगों को भीड़ में मास्क पहनने, सफाई रखने और लक्षण दिखने पर खुद को अलग रखने की सलाह दी गई है।

भारत में अभी कौन से वेरिएंट फैल रहे हैं?

इस समय भारत में JN.1 और BA.2 वेरिएंट सबसे ज्यादा फैल रहे हैं। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) JN.1 को Variant of Interest मानता है और NB.1.8 और LF.7 जैसे 7 वेरिएंट्स पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल कोई वेरिएंट Variant of Concern नहीं माना गया है, यानी जिस वेरिएंट से ज्यादा खतरा हो।

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