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Delhi Metro: अब दिल्ली मेट्रो में नहीं होगी धक्कामुक्की! पहले ही जानिए कौन सा डिब्बा है खाली

Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो राजधानी के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है, जिससे लाखों लोग आसानी से यात्रा करते हैं। हालांकि, नियमित सफर करने वाले भी कई बार इसके कुछ बेहद काम के टिप्स से अनजान होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मेट्रो से जुड़ी एक ऐसी ही जरूरी जानकारी

अपडेटेड May 22, 2025 पर 11:10 AM
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Delhi Metro: मेट्रो का सॉफ्टवेयर हर कोच के मौजूदा वजन को उस कोच के खाली वजन से तुलना करता है

दिल्ली मेट्रो देश की सबसे व्यस्त और भरोसेमंद पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाओं में से एक है, जिससे रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। खासकर पीक आवर्स—सुबह 8 से 12 और शाम 5 से 9 बजे—में मेट्रो में जगह पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। उस दौरान मेट्रो के हर डिब्बे में इतनी भीड़ होती है कि यात्रियों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिलती। कामकाजी लोग, स्टूडेंट्स और अन्य दैनिक यात्री इस समस्या से रोजाना जूझते हैं। ऐसे में कई बार ट्रेन के कई डिब्बे ट्राय करने के बाद ही चढ़ने की जगह मिलती है। लेकिन अब इस परेशानी का हल खुद दिल्ली मेट्रो लेकर आई है।

मेट्रो ने एक नई तकनीक की मदद से यात्रियों को ये जानकारी देना शुरू किया है कि आने वाली ट्रेन के कौन-से कोच में कम भीड़ है और कौन-से कोच में ज्यादा। ये सुविधा सफर को न सिर्फ आसान बनाएगी बल्कि समय की भी बचत करेगी।

अब पहले ही जान पाएंगे कौन सा कोच है खाली


कल्पना कीजिए कि मेट्रो प्लेटफॉर्म पर खड़े होने के दौरान ही आपको पता चल जाए कि आने वाली ट्रेन का कौन-सा कोच खाली है और किसमें ज्यादा भीड़ है। जी हां, अब ये हकीकत बन चुकी है। दिल्ली मेट्रो यात्रियों को ये सुविधा दे रही है जिससे वे भीड़-भाड़ से बचकर आराम से यात्रा कर सकें।

PIDS स्क्रीन से मिलेगी पूरी जानकारी

दिल्ली मेट्रो के प्लेटफॉर्म पर लगी Passenger Information Display System (PIDS) स्क्रीन सिर्फ ट्रेन के समय की जानकारी ही नहीं देती, बल्कि ये भी बताती है कि ट्रेन के किस कोच—जैसे C1, C2, C3—में कितने प्रतिशत लोग हैं। इससे आप ये तय कर सकते हैं कि किस डिब्बे में चढ़ना बेहतर रहेगा।

ट्रेन कैसे लगाती है भीड़ का पता?

इस खास सुविधा के पीछे एक स्मार्ट तकनीक काम करती है। मेट्रो का सॉफ्टवेयर हर कोच के मौजूदा वजन को उस कोच के खाली वजन से तुलना करता है और अंदाजा लगाता है कि उसमें कितने लोग सवार हैं। इसके बाद PIDS स्क्रीन पर ये डेटा प्रदर्शित होता है।

फिलहाल सिर्फ मैजेंटा लाइन पर सुविधा उपलब्ध

हालांकि यह सुविधा अभी पूरे मेट्रो नेटवर्क में उपलब्ध नहीं है। इसे ट्रायल के रूप में मैजेंटा लाइन पर शुरू किया गया है। यात्री इस लाइन पर सफर करते समय आसानी से ये सुविधा ले सकते हैं और आराम से खाली कोच का चुनाव कर सकते हैं।

क्या है मैजेंटा लाइन की खासियत?

दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन 36 किलोमीटर लंबी है, जिसमें कुल 26 स्टेशन हैं और 4 इंटरचेंज पॉइंट्स भी हैं। ये लाइन कृष्णा पार्क एक्सटेंशन से बॉटेनिकल गार्डन तक जाती है। यहां सफर करने वाले यात्री अब तकनीक की मदद से और ज्यादा स्मार्ट तरीके से सफर कर सकते हैं।

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