क्या सांप सच में मणि छोड़ते हैं? बिहार की घटना ने खड़े किए कई सवाल

Snake Facts: बरसात में बिहार के एक स्कूल में मिली चमचमाती चीज को देखकर लोग हैरान रह गए। कुछ ने इसे नागमणि बताया, तो कुछ ने सांप से जोड़कर अफवाहें फैला दीं। लेकिन क्या सच में नागमणि जैसी कोई चीज होती है या ये सिर्फ एक मिथक है? जानिए सच्चाई और विज्ञान की राय

अपडेटेड Jul 24, 2025 पर 2:14 PM
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Snake Facts: सांप समय-समय पर अपनी पुरानी त्वचा यानी केंचुली उतारते हैं।

बरसात के मौसम में अफवाहें भी जमकर उड़ती हैं, खासकर जब कोई रहस्यमय चीज सामने आ जाए। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक स्कूल में ऐसी ही एक चमकदार क्रिस्टल जैसी वस्तु मिलने से इलाके में हलचल मच गई। गांववालों ने तुरंत दावा कर दिया कि ये कोई मामूली चीज नहीं, बल्कि ‘नागमणि’ है वो रहस्यमयी रत्न जो सांपों के सिर पर पाया जाता है और जिसके बारे में वर्षों से कहानियां सुनाई जाती रही हैं। किसी ने कहा कि इसे एक जहरीले गेहूमन सांप ने छोड़ा है, तो किसी ने इसकी चमक और ऊर्जा को चमत्कारिक बता दिया।

लेकिन सवाल ये है कि क्या नागमणि जैसी कोई चीज असल में होती है? या फिर ये सिर्फ कल्पनाओं और लोककथाओं का हिस्सा है? आज हम इसी रहस्य से पर्दा उठाएंगे और जानेंगे कि विज्ञान क्या कहता है, और पुरानी मान्यताओं के पीछे की सच्चाई क्या है।

नागमणि की सच्चाई


भारतीय लोककथाओं और पुराणों में नागमणि को एक दिव्य रत्न माना गया है, जिसे नाग अपने सिर पर धारण करते हैं और इससे चमत्कारी शक्तियां मिलती हैं। लेकिन विज्ञान इस विचार को पूरी तरह खारिज करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सांप के शरीर में कोई रत्न बनने या छोड़ने की प्रक्रिया नहीं होती।

ये चमकदार चीजें क्या होती हैं?

सांप अपने शरीर से कुछ ऐसे प्राकृतिक पदार्थ निकालते हैं जो दिखने में चमकदार होते हैं और देखने में क्रिस्टल या रत्न जैसे लगते हैं। लेकिन ये पूरी तरह जैविक और हानिरहित होते हैं:

शल्क (Scales) और केंचुली – सांप समय-समय पर अपनी पुरानी त्वचा यानी केंचुली उतारते हैं। इस प्रक्रिया में उनकी त्वचा से छोटे-छोटे चमकदार टुकड़े गिर सकते हैं, जो देखने में शीशे जैसे लगते हैं। ये टुकड़े केराटिन से बने होते हैं, वही पदार्थ जो इंसानी नाखूनों और बालों में पाया जाता है।

सांप का मूत्र – सांप यूरिक एसिड के रूप में मूत्र त्यागते हैं जो सूखने पर सफेद और क्रिस्टल जैसा दिख सकता है। ये कण कभी-कभी जमीन पर चमकते नजर आते हैं और लोग इसे मणि समझ लेते हैं।

प्रोटीनयुक्त बलगम – कुछ सांपों की त्वचा से निकलने वाला बलगम सूखकर चमकदार परत बना सकता है, जो भ्रम पैदा करता है।

नागमणि की धारणा

पुराने समय में जब विज्ञान इतना विकसित नहीं था, तो प्राकृतिक घटनाओं को चमत्कारी मान लिया जाता था। नागमणि का विचार भी उसी दौर से आया। सांपों को रहस्यमयी, ताकतवर और खतरनाक माना जाता था, और उनके साथ 'मणि' जैसी कहानी जोड़ दी गई।

नकली नागमणि से ठगी

आज भी लोग नागमणि को लेकर भ्रम में रहते हैं, जिसका फायदा उठाकर ठग करोड़ों की ठगी कर जाते हैं। कई बार 'नागमणि' के नाम पर प्लास्टिक, कांच या जानवरों के अवशेष बेच दिए जाते हैं। 2015 में IIT-BHU में जांच में एक कथित नागमणि साधारण पत्थर निकली, जबकि 2018 में मध्यप्रदेश में एक व्यक्ति से 2 करोड़ रुपये की ठगी हुई।

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MoneyControl News

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First Published: Jul 24, 2025 1:31 PM

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