साल 1961, गुजरात—एक प्रेम कहानी जिसने समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए प्यार को उसकी असली मंजिल तक पहुंचाया। हर्ष और मृदु, दो प्रेमी जो जात-पात की बेड़ियों में बंधे समाज से बगावत कर भाग निकले और एक नई जिंदगी की शुरुआत की। संघर्षों के बावजूद उन्होंने अपने रिश्ते को संवारते हुए एक खुशहाल परिवार बसाया। समय बीता, बच्चे बड़े हुए, फिर नाती-पोते भी आए, लेकिन उनका प्यार जस का तस बना रहा। अब, 80 साल की उम्र में जब उनकी शादी को 64 साल पूरे हो चुके हैं, तो परिवार ने उनके प्यार को एक नया आयाम देने का फैसला किया।